नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच दुनिया भर में छाई मंदी के बावजूद उत्तर प्रदेश निवेशकों को लगातार अपनी तरफ खींचने में सफल रहा है। कोरोना काल के दौरान देशी-विदेशी 57 कंपनियों ने 46 हजार 501 करोड़ रुपए के निवेश के लिए प्रदेश सरकार से करार किया है। इन कंपनियों में उत्पादन शुरू होने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में सिर्फ कोरोना काल में 28 विदेशी कंपनियों ने 9,357 करोड़ रुपए के निवेश के लिए करार किया है। इसमें एक जूता बनाने वाली कंपनी ऐसी है, जो चीन से शिफ्ट होकर भारत आई है और तीन सौ करोड़ के निवेश से आगरा में उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके अलावा 37 हजार 144 करोड़ रुपए का निवेश करने के लिए घरेलू 29 कंपनियों ने करार किया है।
प्रदेश में निवेश के लिए 1,746 करोड़ के निवेश से कनाडा की दो कंपनियां, तीन सौ करोड़ के निवेश से जर्मनी की चार कंपनियां, एक हजार करोड़ के निवेश से हांगकांग की एक कंपनी, दो हजार करोड़ के निवेश से जापान की सात कंपनियां, 16 सौ करोड़ के निवेश से सिंगापुर की दो कंपनी, 13 सौ 75 करोड़ के निवेश से यूनाईटेड किंगडम की तीन कंपनियां, 309 करोड़ के निवेश से यूएसए की पांच कंपनियां, 928 करोड़ के निवेश से कोरिया की चार कंपनियों ने प्रदेश सरकार से करार किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों की नीतियां बनाने से लेकर श्रम कानूनों में दर्जनों सुधार किए। जिस वजह से देश में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में प्रदेश दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। यह वजह है कि देश में उद्यमियों की पहली पसंद यूपी बन गया है। कोरोना काल में उद्यमियों को साढ़े आठ सौ प्लॉट आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे सेक्टर 28 में साढ़े तीन सौ एकड़ में डेडिकेटेड मेडिकल डिवाइस पार्क प्रस्तावित है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी के साथ एमओयू किया गया है। मुख्यमंत्री ने दो माह के अंदर सभी उद्यमियों को भौतिक रूप से कब्जा दिलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट धरातल पर उत्पादन शुरू कर सकें।