नई दिल्ली। देश में मानसून सीजन खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है। इस साल मौसम विभाग ने पूरे मानसून सीजन के दौरान जैसी बरसात की भविष्यवाणी की थी वैसी बारिश नहीं हुई है। जून और जुलाई में अच्छी बरसात के बाद अगस्त और अबतक बीते सितंबर के दौरान देश में बारिश की कमी देखने को मिली है। आलम यह है कि देश के 15 राज्यों (कुछ केंद्र शासित प्रेदश मिलाकर) में सामान्य के मुकाबले बहुत कम बरसात हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों को देखें तो देश के 235 जिले सूखाग्रस्त हैं।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अबतक बीते मानसून सीजन यानि पहली जून से लेकर 13 सितंबर तक देशभर में औसतन 752.7 मिलीमीटर बरसात हुई है जो औसत के मुकाबले 6.14 फीसदी कम है, सामान्य तौर पर इस दौरान देश में 802 मिलीमीटर बरसात हो जाती है। जून और जुलाई के दौरान बरसात ज्यादा हुई है जिस वजह से औसत बारिश में ज्यादा कमी नहीं दिख रही है। लेकिन अगस्त और सितंबर में बारिश की कमी बढ़ी है, खासकर अगस्त के दूसरे पखवाड़े से लेकर अबतक देश के कई हिस्सों में बेहद कम बरसात दर्ज की गई है।
जिन राज्यों में बरसात की सबसे ज्यादा कमी है वह इस तरह से हैं
राज्य | मानसून सीजन में बारिश की कमी |
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उत्तर प्रदेश | -31% |
दिल्ली | -36% |
हरियाणा | -28% |
पंजाब | -18% |
मध्य प्रदेश | -25% |
केरल | -19% |
कर्नाटक | -11% |
मणिपुर | -42% |
चंडीगढ़ | -15% |
गोआ | -22% |
आंध्र प्रदेश | -15% |
तेलंगाना | -13% |
उड़ीसा | -11% |
हिमाचल प्रदेश | -12% |
छत्तीसगढ़ | -14% |
हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय सूखे की इन खबरों से इंकार कर रहा है। कृषि मंत्रालय इस साल खरीफ सीजन में औसत के मुकाबले ज्यादा खेती का हवाला दे रहा है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक 8 सितंबर तक देशभर में 1,041 लाख हेक्टेयर में खरीफ बुआई हो चुकी है जबकि औसतन इस दौरान 1,014 लाख हेक्टेयर में खरीफ की खेती होती है। लेकिन कृषि मंत्रालय के इन आंकड़ों की तुलना अगर पिछल साल हुई बुआई से की जाए तो साफ पता चल रहा है कि इस साल खेती घटी है। पिछले साल इस दौरान देशभर में करीब 1,050 लाख हेक्टेयर में खरीफ बुआई हो चुकी थी।
सरकार ने कहा कि सूखे जैसी स्थिति नहीं
सरकार ने आज कहा कि देश में सूखे जैसी स्थिति नहीं है क्योंकि 95 जिलों में बरसात में कमी की सूचना होने के बावजूद देश में बुवाई की स्थिति सामान्य और संतोषजनक है। सरकार ने एक बयान में कहा है, कई राज्यों में सितंबर के पहले पखवाड़े में मौजूदा बरसात से स्थिति सुधरेगी। उपज के पिछले वर्ष के स्तर पर ही रहने की उम्मीद है। कहीं सूखे जैसी स्थिति नहीं है। कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सत्र 2017-18 में पिछले सप्ताह तक 1,041.17 लाख हेक्टेयर में धान जैसी खरीफ फसल की बुवाई की गई है, जो रकबा वर्ष भर पहले के 1,049.87 लाख हेक्टेयर से मामूली कम है। खरीफ फसलों की बुवाई जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुरू होती है और यह अपने अंतिम चरण में है। कटाई का काम अक्टूबर से शुरू होगा।