नई दिल्ली। केंद्र सरकार की देरी से चल रही कुल 349 परियोजनाओं में से 213 रेल क्षेत्र से संबंधित हैं। इन विलंब वाली रेल परियोजनाओं की लागत में 1.73 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की अक्टूबर, 2017 की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे की कुल 213 परियोजनाओं में विभिन्न कारणों से देर हुई हैं। इन परियोजनाओं की कुल मूल लागत 1,23,103.45 करोड़ रुपए थी, जो देरी की वजह से बढ़कर 2,96,496.70 करोड़ रुपए हो गई है। यह कुल लागत में 140.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
मंत्रालय ने अक्टूबर 2017 में भारतीय रेल की 350 परियोजनाओं की निगरानी की है। इनमें से 36 परियोजनाओं में 12 महीने से लेकर 261 महीने का विलंब हुआ है। रेलवे के बाद बिजली क्षेत्र में विलंब वाली परियोजनाओं के कारण लागत बढ़ने के सर्वाधिक मामले रहे हैं।
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा निगरानी की गई कुल 126 परियोजनाओं में 43 में विलंब के कारण लागत 58,728.23 करोड़ रुपए बढ़ी है। इन 43 परियोजनाओं की मूल लागत 1,04,449.62 करोड़ रुपए थी, जो बढ़कर 1,63,178.45 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इन 126 परियोजनाओं में से 64 में दो महीने से लेकर 136 महीने तक की देरी हुई है।