वाशिंगटन। पिछले 11 साल में 21 लाख से अधिक भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों ने H-1B वीजा के लिए आवेदन किया है। एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। अमेरिकी सिटीजेनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) की रिपोर्ट ने इस धारणा का भी खारिज कर दिया है कि जिन लोगों ने वीजा के लिए आवेदन किया, वे बहुत योग्य नहीं है। औसतन, पिछले 11 सालों में उनकी तनख्वाह 92,317 डॉलर रही और उनमें से ज्यादातर के पास मास्टर या स्नातक की डिग्री हैं।
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इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2007 से इस साल जून तक, यूएससीआईएस को 34 लाख H-1B वीजा आवेदन मिले जिनमें भारत से 21 लाख लोग थे। इसी अवधि के दौरान अमेरिका ने 26 लाख लोगों को H-1B वीजा जारी किया। हालांकि, यूएससीआईएस इसका देशवार ब्योरा नहीं देता।
वर्ष 2007-2017 के बीच H-1B वीजा आवेदनों के संदर्भ में भारत के बाद चीन का स्थान आता है। इस अवधि में चीन से H-1B वीजा के लिए 2,96,313 आवेदन आए। फिलीपींस से 85,918, दक्षिण कोरिया से 77,359 और कनाडा से 68,228 वीजा आवेदन प्राप्त हुए।
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रिपोर्ट के हिसाब से H-1B वीजा के लाभार्थियों में ज्यादातर यानी करीब 23 लाख 25-34 साल उम्रवर्ग के लोग थे। बीस लाख लोग कंप्यूटर से संबंधित पेशे से हैं। उसके बाद आर्किटेक्ट, इंजीनियरिंग, सर्वेक्षण, शिक्षा, प्रशासनिक विशेषज्ञता, चिकित्सा और स्वास्थ्य श्रेणी के हैं। ट्रंप सरकार फिलहाल H-1B वीजा नीति की समीक्षा कर रही है।