नई दिल्ली। महिंद्रा ग्रुप के चैयरमैन आनंद महिंद्रा का मानना है कि साल 2021 नए रूप और रिकवरी वाला साल साबित होगा। ग्रुप के 2.56 लाख कर्मचारियों को नये साल के मौके पर अपने संबोधन में महिंद्रा ने कहा कि पिछले साल महामारी के कारण विभिन्न समस्याओं के बावजूद ‘कुछ अप्रत्याशित रूप से अच्छी चीजें सामने आईं।’ उन्होने कोविड-19 टीकों का जिक्र करते हुए कहा कि उद्देश्य से संचालित कारोबार, नये सिरे से शुरुआत और पुनर्मूल्यांकन जैसी सीख मिली है। कोविड-19 टीकों के विकास पर शोधकर्ताओं और नियामकों ने तेजी से काम किया और यह 10 महीने में बनकर तैयार हुआ जबकि इसमें औसतन 10 साल तक का समय लग जाता। महिंद्रा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस कहानी से पहला महत्वपूर्ण सबक यह है कि उद्देश्य से संचालित कारोबार के लिये समय आ गया है।’’ उन्होंने कहा कि टीके का विकास सही मायने में उद्देश्य से संचालित कारोबार है, जिसपर समूह 1997 से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि दूसरी महत्वपूर्ण सीख तेजी से अपने-आप को आगे के लिये तैयार करना यानी ‘रिबूट’ करने की है। यह देखने की जरूरत है कि किस प्रकार चिकित्सा विज्ञान ने अपने परंपरागत रुख को छोड़ा और कोविड-19 की नई समस्या से निपटने के लिये स्वयं को तैयार किया। इसके लिये प्रक्रियाओं को पुनर्गठित किया गया, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया, अनावश्यक चीजों को हटाया गया और उद्देश्यपूर्ण तरीके से काम करते हुए टीके का विकास किया गया। महिंद्रा ने कहा, ‘‘अब तक, आपको पता है कि एक टीके के विकास में औसतन 10 साल का समय लगता था। और इसके बावजूद, हमने केवल 10 महीने में एक नहीं बल्कि तीन प्रभावी टीकों का विकास कर लिया। और इसका श्रेय जाता है कोविड-19 संकट को।’’
उन्होंने कहा कि वह कोविड-19 टीके के विकास से अधिक उत्साहजनक दूसरा किसी उदाहरण के बारे में नहीं सोच सकते। समूह भी इसी प्रकार कर रुख अपनाकर अधिक मजबूत बनकर उभरा है। महिंद्रा ने कहा, ‘‘सवाल है कि हमने यह कैसे किया? ठीक उसी तरीके से जिस प्रकार टीके के मामले में हुआ। प्रौद्योगिकी का उपयोग किया और प्रक्रियाओं को नया रूप दिया गया। अनावश्यक और अप्रसांगिक चीजों को हटाया गया। अपनी पूंजी का और प्रभावी तरीके से उपयोग करते हुए तेजी और स्फूर्ति के साथ आगे कदम बढ़ाया गया।’’ उन्होंने कहा कि महिंद्रा समूह कोविड-19 संकट से मजबूत बनकर उभरा है और इस प्रतिकूल और बुरे साल 2020 को आगे नये रूप वाले और पुनरुद्धार के वर्ष में बदला जाएगा