2015 में स्टार्टअप पर पैसों की बारिश, अब कतरा रहे हैं निवेशक
2015 की पहली तिमाही में स्टार्टअप्स 1.3 अरब डॉलर जुटाने में कामयाब रहे, जो कि 2014 (Q1) के मुकाबले 93 फीसदी अधिक था। लेकिन 2015 की चौथी तिमाही आते-आते इसमें गिरावट दर्ज की गई। लेकिन नया साल शुरू होते ही एक बार फिर स्टार्टअप्स पर निवेशक मेहरबान नजर आए। 2016 के पहले चार महीने में 361 डील हुईं। हालांकि पैसों के हिसाब से यह आंकड़ा 2015 के मुकाबले कम है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यह नहीं भूलना चाहिए कि फंडिंग का मतलब सफलता नहीं है। एक तरफ कुछ स्टार्टअप्स पैसा जुटाने में व्यस्त हैं, तो दूसरी ओर कुछ स्टार्टअप्स बंद होने के कगार पर हैं।
बंद होने वाले स्टार्टअप्स करते थे ये काम
कुल 18 स्टार्टअप्स जो बंद हुए, उनमें से 4 फूड-टेक स्पेस, 4 हायपरलोकल और 2 फैशन के क्षेत्र में कारोबार करते हैं। इनमें से 15 स्टार्टअप्स फंडेड थे और सिर्फ एक सीरीज ए स्टेज के ऊपर का था। बंद होने वाले स्टार्टअप्स में इंटेलीजेंट इंटरफेस, फैशनआरा, डिलीवरी किंग, ऑटो राजा, फ्रैंक्ली मी और अन्य नाम शामिल हैं।
दिग्गज स्टार्टअप्स के भी छूट रहे हैं पसीने
फ्लिपकार्ट ने पिछले साल अक्टूबर में बेंगलुरु में ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विस शुरू की थी, जिसको हाल में ही बंद किया है। वहीं एप आधारित टैक्सी सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी ओला ने ओला बाइक, ओला कैफे और ओला स्टोर को बंद कर दिया है। हालांकि बाइक टैक्सी सर्विस कंपनी को मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन की वजह से बंद करना पड़ा। इसके अलावा ऑन-डिमांड ग्रॉसरी डिलीवरी स्टार्टअप पेपरटैप ने अपने एप को रोल बैक किया। इससे पहले फरवरी में कंपनी अहमदाबाद, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और जयपुर में अपना कारोबार बंद कर चुकी है। अन्य चैट-बेस्ड पर्सनल असिस्टेंट एप हेल्प चैट ने अपना चैट विंग बंद कर दिया, जिसके कारण 100 लोगो को नौकरी गंवानी पड़ी।