नई दिल्ली। देश में जुलाई माह के दौरान कुल चार अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदों की घोषणा हुई। इसके साथ ही वर्ष के दौरान होने वाले कुल विलय एवं अधिग्रहण सौदों का आंकड़ा अब तक 19.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया। टैक्स सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉर्नटॉन की ताजा डीलट्रेकर रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में विलय एवं अधिग्रहण के 44 सौदे हुए जिनका मूल्य 4.08 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी माह के दौरान 2.08 अरब डॉलर के 43 सौदे हुये थे।
विलय एवं अधिग्रहण क्षेत्र में कुल मिलाकर साल दर साल आधार पर 96 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। घरेलू और विदेशों में देश में होने वाली इस प्रकार की गतिविधियों में काफी तेजी देखी गई है। जुलाई में इस प्रकार की घरेलू गतिविधियों में साल दर साल आधार पर आठ गुणा बढ़ोतरी दर्ज की गई। माह के दौरान कुल सौदों में इनका 40 का योगदान रहा। इस कैलेंडर वर्ष में जनवरी से जुलाई की अवधि में 19.87 अरब डॉलर मूल्य के कुल 301 विलय एवं अधिग्रहण सौदे हुए। जबकि पिछले साल इसी अवधि में 16.21 अरब डॉलर के 319 ऐसे सौदे हुए थे।
ग्रांट थार्नटॉन इंडिया एलएलपी के भागीदार प्रशांत मेहरा ने कहा, विलय एवं अधिग्रहण के मोर्चे पर हालांकि, विदेशों से होने वाली गतिविधियां एक साल पहले के स्तर पर ही रही। लेकिन घरेलू स्तर पर होने वाले ऐसे सौदों में आठ गुणा बढ़ोतरी हुई है। माह के दौरान ऐसे कुल सौदे के मूल्य में दो अरब डॉलर का योगदान घरेलू सौदों का रहा। मेहरा ने कहा कि जीएसटी विधेयक के पारित होने का असर जल्द ही नजर आएगा। निजी इक्विटी हो या घरेलू अथवा विदेशों से होने वाले विलय एवं अधिग्रहण सौदे हों जीएसटी का असर इनमें दिखेगा।