नयी दिल्ली। राजस्व विभाग ने शुक्रवार को कहा कि एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का फैसला एक सितंबर से लागू हो जायेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 31 अगस्त, 2019 तक जो लोग पहले ही एक करोड़ रुपये की नकद निकासी कर चुके हैं, उनकी इसके बाद की सभी निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लिया जाएगा।
सरकार ने नकदी लेनदेन को हतोत्साहित करने और देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए केंद्रीय बजट में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत की दर से टीडीएस लेने का प्रावधान किया है। टीडीएस के बारे में पूछे गये सवाल पर सीबीडीटी ने यह जानकारी देते हुये कहा कि यह प्रावधान एक सितंबर, 2019 से प्रभावी होगा। इसलिये इससे पहले की गई नकद निकासी पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा।
हालांकि, वित्त विधेयक की धारा 194एन के तहत नकद निकासी की गणना एक अप्रैल 2019 से की जायेगी। इस लिहाज से यदि कोई व्यक्ति 31 अगस्त 2019 से पहले ही अपने बैंक खातों, डाक घर खातों और सहकारी बैंक खातों से एक करोड़ अथवा इससे अधिक नकद निकासी कर चुका है तो इसके बाद होने वाली नकदी निकासी पर दो प्रति टीडीएस कटौती की जायेगी।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2019 में नकद लेनदेन पर TDS लगाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था, कारोबारी भुगतान नकद में करने को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से मैं बैंक खाते से एक साल में एक करोड़ रुपये से अधिक की निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस का प्रस्ताव करती हूं।
इन पर नहीं होगा लागू
हालांकि यह प्रावधान सरकार, बैंकिंग कंपनी, बैंकिंग में लगी सहकारी समिति, डाकघर, बैंकिंग प्रतिनिधि और व्हाइट लेबल एटीएम परिचालन करने वाली इकाइयों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि व्यवसाय के तहत उन्हें भारी मात्रा में नकद का इस्तेमाल करना होता है।
2017-18 में 2 लाख ने किया 1 करोड़ से ज्यादा का नकद लेनदेन
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में करीब दो लाख लोगों और इकाइयों ने बैंक खातों से एक-एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली। इन इकाइयों ने कुल मिलाकर 11.31 लाख करोड़ रुपये की निकासी की।
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
वित्त वर्ष 2017-18 में 1.03 लाख से अधिक इकाइयों ने एक से दो करोड़ रुपये की निकासी की और उनकी कुल मिलाकर निकासी 1.43 लाख करोड़ रुपये रही। वहीं 58,160 इकाइयों ने दो से पांच करोड़ रुपये की निकासी की और उनकी कुल मिला कर नकद निकासी 1.75 लाख करोड़ रुपये थी। इसी तरह 14,552 इकाइयां ऐसी थीं जिन्होंने साल के दौरान बैंक खातों से 5 से 10 करोड़ रुपये निकाले और उनकी कुल निकासी 98,900 करोड़ रुपये रही। इसके अलावा 7,300 लोग ऐसे रहे जिन्होंने 10 से 100 करोड़ रुपये की निकासी की, उनकी कुल निकासी 1.57 लाख करोड़ रुपये रही।