नई दिल्ली। चीन से बाहर निकलने के लिए उत्सुक कंपनियों को भारत की तरफ आकर्षित करने के लिए बनी सरकार की खास रणनीति काम कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को इन्सेंटिव के ऐलान के बाद देश में प्लांट लगाने के लिए करीब 2 दर्जन विदेशी कंपनियों ने निवेश के लिए इच्छा जताई है। इन कंपनियों में सैमसंग और एप्पल जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। इन कंपनियों की भारत में 150 करोड़ डॉलर यानि करीब 11 हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।
सरकार ने भारत को मोबाइल उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र बनाने के लिए इस स्कीम का ऐलान किया है, जिसके मुताबिक देश से उत्पादन करने वाली कंपनियों को उत्पादन पर आधारित 4 से 6 फीसदी तक इन्सेंटिव दिया जाएगा। ये स्कीम 5 साल तक लागू रहेगी। स्कीम पहली अगस्त से शुरू हो चुकी है। इस साल सरकार का 5300 करोड़ रुपये तक इन्सेंटिव देने का ऐलान है। खबरों के मुताबिक Samsung, Foxcomm और Winstron पिछले महीने ही इस इन्सेंटिव स्कीम के तहत आवेदन कर चुकी हैं। वहीं आवेदन करने वाली अन्य कंपनियों में Pegatron Corp शामिल है। घरेलू कंपनी लावा ने भी स्कीम के तहत आवेदन किया है। मोबाइल निर्माता कंपनियों के साथ साथ सरकार ने फार्मा सेक्टर की कंपनियों के लिए भी इसी तरह स्कीम का ऐलान किया है। आने वाले समय में ऑटो, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टर को भी ऐसी स्कीम में शामिल किया जा सकता है।
अमेरिका –चीन तनाव और महामारी की वजह से कई कंपनियां चीन से बाहर निकलने की कोशिश में हैं, इसके अलावा चीन में निर्माण की लागत के पहले के मुकाबले अब ज्यादा रहने से भी कंपनियां उत्पादन के लिए दूसरे देशों में विकल्प तलाश रही हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस तरह की इन्सेंटिव स्कीम से अगले 5 साल में 10 लाख अतिरिक्त रोजगार पैदा किया जा सकेगा।