नई दिल्ली। टैक्स कलेक्शन में बढ़ोत्तरी कीे कोशिश कर रही सरकार के लिए यह आंकड़े परेशानी में डालने वाले हैं। टैक्स डिपार्टमेंट के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश की कुल आबादी में करदाताओं की संख्या सिर्फ एक प्रतिशत हैं। हालांकि, 5430 लोग ऐसे भी हैं जो सालाना एक करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स सरकारी खातों में जमा करवाते हैं। सरकार के आकलन वर्ष 2012-13 के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पारदर्शिता अभियान के तहत सरकार ने पिछले 15 साल के प्रत्यक्ष Tax आंकड़ों को सार्वजनिक किया है। आकलन वर्ष 2012-13 के लिए लोगों के आंकड़ों को प्रकाशित किया गया है। इसमें 31 मार्च, 2012 को समाप्त वित्त वर्ष के आयकर के आंकड़े दिए गए हैं। कुल मिलाकर 2.87 करोड़ लोगों ने वित्त वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल किया। इनमें से 1.62 करोड़ ने कोई कर नहीं दिया। इस तरह करदाताओं की कुल संख्या 1.25 करोड़ रही, जो उस समय देश की 123 करोड़ की आबादी का लगभग एक प्रतिशत बैठता है।
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आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर यानी 89 फीसदी या 1.11 करोड़ लोगों ने 1.5 लाख रुपए से कम का Tax दिया। इस दौरान औसत कर भुगतान 21,000 रुपए रहा। कुल कर संग्रहण 23,000 करोड़ रुपए रहा। 100 से 500 करोड़ रुपए के दायरे में तीन लोगों ने 437 करोड़ रुपए का Tax दिया। इस तरह औसत कर भुगतान 145.80 करोड़ रुपए रहा।
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कुल मिलाकर 5,430 लोगों ने एक करोड़ रुपए से अधिक का आयकर अदा किया। इनमें से 5,000 लोगों का कर भुगतान एक से पांच करोड़ रुपए के दायरे में रहा। इन लोगों का कुल कर भुगतान 8,907 करोड़ रुपए रहा। कुल आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में कुल आयकर संग्रहण नौ गुना बढ़कर 2.86 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। यह 2000-01 में 31,764 करोड़ रुपए था।
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