नई दिल्ली। मूल्य वर्धित कर (VAT) के तहत पंजीकृत करीब 1,800 और व्यावसायिक इकाइयों ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के तहत पंजीकरण कराने का ओवदन किया है। जीएसटी परिषद ने जुलाई में हुई बैठक में उन्हें जीएसटी का अस्थायी पंजीकरण नंबर देने की संस्तुति प्रदान कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि करीब और 1,800 कारोबार जीएसटी व्यवस्था में आ चुकी है। राज्यों के कर विभाग के अधिकारी अभी ऐसी कंपनियों के बारे में आंकड़े जमा कर रहे हैं। अंतिम गणना में इनकी संख्या बढ़ सकती है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने ऐसी इकाइयों को जीएसटी में आने के लिए 31 अगस्त तक अस्थायी पहचान-पत्र, पुरानी कर प्रणाली के पंजीकरण नंबर, पहले नई प्रणाली को न चुनने के कारण, पता आदि के साथ केंद्र या राज्य सरकारों के संबंधित आधिकारियों से संपर्क करने को कहा था।
अभी तक जीएसटी प्रणाली में 1.15 करोड़ से अधिक इकाइयां पंजीकृत हैं। इनमें से 63.76 लाख इकाइयां पहले वैट और केंद्रीय उत्पाद शुल्क/ सेवाकर के तहत पंजीकृत थीं और उन्होंने वहां से नई कर प्रणाली में शामिल हो गयीं। इसके अलवा 51 लाख से अधिक नई इकाइयों ने जीएसटी में पंजीयन कराया है।