जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी के बजट में ‘‘महत्वकांक्षी वृद्धि’’ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस संबंध में हुई एक बैठक में कुछ सदस्यों का मानना था कि डब्ल्यूएचओ कमजोर वित्तीय स्थिति के चलते दुनिया के स्वास्थ्य की रक्षा नहीं कर पा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य सभा की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में प्रतिनिधियों ने डब्ल्यूएचओ के अगले दो साल के बजट में 16 प्रतिशत वृद्धि प्रस्ताव को मंजूरी देते हुये उसे 6.1 अरब डालर कर दिया। डब्ल्यूएचओ की 90 प्रतिशत से अधिक कोष पहले तय स्वास्थ्य सम्बंधी मदों के लिए निर्धारित रहता है। ऐसे में कई बार अचानक उत्पन्न संकटों में एजेंसी कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।
डब्ल्यूएचओ के आपात प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख डा.माइकेल रेयान ने कहा कि वर्तमान में संगठन में 70 प्रतिशत कोष की कमी है। ऐसे में संगठन के सामाने अत्यावश्यक प्राथमिकता वाले काम को भी पूरा नहीं कर पाने का संकट है। कोविड- 19 महामारी के दौरान वैश्विक स्तर पर इससे निपटने के तौर तरीकों पर की गई समीक्षा में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये एजेंसी अधिक तेजी से और सक्रियता से काम कर सकती थी लेकिन उसके पास धन की कमी है।