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पिछले दो साल में जारी किए 16 करोड़ नोट, कीमत से डेढ़ गुना महंगा पड़ता है एक रुपए का नोट

वित्त मंत्रालय ने पिछले दो वर्ष में एक रुपए के 16 करोड़ नोट जारी किए हैं। आरटीआई कानून से मिली सूचना के अनुसार सरकार ने 2015 में 15.5 करोड़ करेंसी नोट जारी किए।

Abhishek Shrivastava
Updated on: January 04, 2016 14:02 IST
पिछले दो साल में जारी किए 16 करोड़ नोट, कीमत से डेढ़ गुना महंगा पड़ता है एक रुपए का नोट- India TV Paisa
पिछले दो साल में जारी किए 16 करोड़ नोट, कीमत से डेढ़ गुना महंगा पड़ता है एक रुपए का नोट

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने पिछले दो वर्ष में एक रुपए के 16 करोड़ नोट जारी किए हैं। आरटीआई कानून से मिली सूचना के अनुसार सरकार ने 2015 में 15.5 करोड़ करेंसी नोट जारी किए। सरकार ने 2014 से दोबारा 1 रुपए के नोटों की छपाई दोबारा शुरू की है। आरटीआई में बताया गया है कि जब 1995-96 में एक रुपए के नोट छापने बंद किए गए थे। उस वक्‍त एक नोट को छापने की कीमत 1.48 पैसे आती थी। जिसके चलते सरकार ने करीब दो दशक पहले एक रुपए के नोट छापना बंद कर दिए थे। इसी तरह दो रुपए और पांच रुपए के नोट की भी छपाई बंद की गई।

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4 करोड़ नोटों की लागत 56 लाख रुपए

दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चन्द्र अग्रवाल और मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजय राय ने अलग-अलग आरटीआई दाखिल कर सरकार द्वारा पिछले 20 वर्षों में जारी किए गए एक रुपए के नोट की संख्या के बारे में पूछा था। करेन्सी नोट प्रेस के जन सूचना अधिकारी जी. कृष्ण मोहन द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया, वर्ष 1994-95 में एक रुपए मूल्य के कुल 4 करोड़ नोट जारी किए गए थे। वित्त वर्ष 1994-95 में एक रुपए मूल्य के 4 करोड़ नोटों की उत्पादन लागत 59,40,059 रुपए थी। इसके बाद वित्त वर्ष 1995-96 से 2013-14 तक एक रुपए का कोई नोट जारी नहीं किया गया। पहले के मुकाबले एक रुपए के नोट का आकार थोड़ा बढ़ा है। इसका आकार 9.7 गुणा 6.3 सेंटीमीटर रखा गया है। शीर्ष पर इसके भारत सरकार लिखा है। साथ ही मल्टीटोनल वाटर मार्क में बिना ‘सत्यमेव जयते’ के अशोक की लाट अंकित होगी। बीच के हिस्से में सामान्य तौर पर न दिखने वाली संख्या ‘1’ प्रकाशित होगी। दाईं तरफ ‘भारत’ शब्द अंकित होगा।

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1 रुपए का नोट वास्‍तव में सिक्‍का

आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल का दावा है, एक रुपए के नोट की बिक्री 50 रुपए के प्रीमियम मूल्य पर खुलेआम वेबसाइटों पर की जा रही है जिस पर रिजर्व बैंक को अंकुश लगाने की जरूरत है। इस पर आरबीआई की प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने कहा, एक रुपए का नोट वास्तव में एक सिक्का है। नोटों की देनदारी आरबीआई की है, जबकि सिक्के भारत सरकार की देनदारी है। इसलिए, एक रुपए के नोटों को पुन: जारी करने का निर्णय वित्त मंत्रालय की ओर से किया गया।

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अन्य करेंसी नोटों पर रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं, जबकि एक रुपए के नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर हैं। पहले की तरह इस बार भी एक रुपए की छपाई रिजर्व बैंक के मिंट में नहीं बल्कि भारत सरकार के मुद्रण कारखाने में हुई है। नए नोट पर वित्त सचिव शक्तिकांत दास के हस्ताक्षर मौजूद हैं।

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