नई दिल्ली। भारत में अब युवा अपने कारोबार को लेकर ज्यादा गंभीर होने लगे हैं, और उन्हें अब सफलता भी मिलने लगी है। इस साल अब तक देश में 15 यूनीकॉर्न सामने आ चुके हैं। ये जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी। वो सीआईआई-होरासिस इंडिया मीटिंग 2021 के भारत के “उभरते उद्योग एवं व्यापार के नए वास्तुकार” सत्र को संबोधित कर रहे थे। यूनिकॉर्न वो स्टार्टअप कंपनियां होती हैं जिनकी वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा हो।
संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप की सफलता की कहानी केवल बिजनेस की सफलता नहीं है, बल्कि वह भारत में हो रहे बदलाव का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद, भारत में आर्थिक रिवाइवल के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं। निर्यात बढ़ रहा है और एफडीआई प्रवाह सबसे अधिक है। भारतीय उद्योग वास्तव में विकास के रास्ते पर है। मंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार किसी एक तिमाही (वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही 95 अरब डॉलर) में अब तक का सबसे ज्यादा निर्यात हुआ है (2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 18 फीसदी ज्यादा)। उन्होंने कहा कि जुलाई में (तीसरे सप्ताह तक) निर्यात 22.48 अरब डॉलर पहुंच गया है। जो कि वित्त वर्ष 2020-21 की इस अवधि की तुलना में 45.13 फीसदी ज्यादा है। जबकि 2019-20 की तुलना 25.42 अधिक है।
इस हफ्ते ही नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी कहा था कि डिजिटल प्रोद्योगिकी ने भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने में काफी मदद की है। आईपीओ के रास्ते देश में स्टार्टअप क्रांति को पंख लगेंगे। भारतीय स्टार्टअप यूनिट भारत के बाजारों से भारत की जनता से पूंजी जुटाएगी यह स्थिति वास्तविक आत्मनिर्भर भारत की स्थिति होगीय़ डिजिटलीकरण ने भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को स्फूर्ति प्रदान की है।
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