नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई के दौरान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के अंतर्गत खुदरा दुकानों पर लगे प्वाइंटट ऑफ सेल (PoS) के जरिए 1.55 करोड़ टन उर्वरक की बिक्री की गई। उर्वरक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उर्वरक डीबीटी योजना के तहत विभिन्न उर्वरक ग्रेड के लिए उर्वरक कंपनियों को 100% सब्सिडी दी जाती है।
यह सब्सिडी खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की जाने वाली वास्तविक बिक्री के आधार पर जारी की जाती है। लाभार्थियों की पहचान आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और मतदाता पहचान पत्र आदि दस्तावेजों से होती है।
एक अधिकारी ने बताया कि पीओएस मशीनों द्वारा उर्वरक बिक्री सुगम तरीके से चल रही है। जुलाई तक इसके जरिए 1.55 करोड़ टन उर्वरक की बिक्री हुई। अधिकारी ने कहा कि अप्रैल में 12.9 लाख टन, मई में 22.6 लाख टन, जून में 46.3 लाख टन और जुलाई में 73.5 लाख उर्वरक की बिक्री की गई।
उर्वरकों में स्थानीय स्तर पर निर्मित यूरिया की बिक्री 70 लाख टन रही जबकि आयातित यूरिया की बिक्री इसी अवधि (अप्रैल से जुलाई) में 13.40 लाख टन रही। दूसरे उवर्वरक, जैसे डीएपी, पीएंडके, सिंगल सुपरफॉस्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश और कंपोस्ट की भी बिक्री हुई।
अधिकारी ने कहा कि उर्वरक डीबीटी की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से अक्टूबर 2017 से की गई थी और अब यह पूरे देश में लागू है। यह सामान्य तरीके से काम कर रहा है। शुरुआत में कुछ दिक्कतें आई थीं लेकिन उन्हें दूर कर दिया गया। किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगभग 70,000 करोड़ रुपए सालाना वहन करती है।