हैदराबाद। क्या आप सोच सकतें है कि कोई 7वीं में पढ़ने वाला बच्चा जो ऑटिज्म डिसॉर्डर से पीड़ित हो वह दुनिया के 1500 टॉप आंत्रप्रेन्योर में शामिल हो सकता है। हैदराबाद में चल रहे ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में शामिल हुए हामिश फिनलेसन नाम के ऑस्ट्रेलियाई बच्चे ने यह कारनामा कर दिखाया है। 7वीं क्लास में पढ़ने वाले 13 वर्षीय हामिश ने पांच मोबाइल ऐप डेवलप करके दुनियाभर के 1500 टॉप आंत्रप्रेन्योर्स में अपना नाम दर्ज कराया है। ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में वह सबसे कम उम्र के आंत्रप्रेन्योर हैं।
हामिश ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर से पीड़ित हैं, इस डिसॉर्डर में बच्चा किसी से ज्यादा बात नहीं करता और अपने आप में खोया रहता है। डिसॉर्डर से पीड़ित होने के बावजूद हामिश ने जो कारनामा कर दिखाया है वह उन्हें आसाधारण बच्चों का श्रेणी में शामिल करता है। पांच मोबाइल एप्लिकेशन बनाने के बाद हामिश अब छटे मोबाइल ऐप पर काम कर रहे हैं।
हामिश जब 8 वर्ष का था तब से ही उसने मोबाइल एप्लिकेशन बनाने का काम शुरू कर दिया था, मौजूदा समय में दुनिया के 54 देशों में उनके ग्राहक हैं। उन्होंने जो 5 मोबाइल ऐप बनाए हुए हैं उनमें 1 ऐप ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर से पीड़ित मरीजों की मदद करता है। हामिश ने ‘लिटरबग स्मैश’ नाम से एक और मोबाइल एप बनाया है जो दुनियाभर में महासागरों और कछुओं की रक्षा के लिए डिजाइन किया गया है।