लंदन। संकटग्रस्त और देश छोड़कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के स्वामित्व वाली फोर्स इंडिया की पिछले महीने पूरी हुई अनुचित बिक्री प्रक्रिया से 13 भारतीय बैंकों के गठजोड़ को चार करोड़ पौंड का नुकसान उठाना पड़ा है। विजय माल्या की फॉर्मूला वन रेसिंग टीम को खरीदने की कोशिश में लगे दो प्रमुख बोलीदाताओं में से एक ने यह आरोप लगाया है।
रूस की फर्टिलाइजर ग्रुप उरालकली ने कहा कि कंपनी के लए उसकी सबसे ऊंची बोली को नजरअंदाज कर प्रशासन ने अतिरिक्त धन हासिल करने का मौका गंवा दिया है। उरालकली ने कहा कि यह अतिरिक्त राशि फोर्स इंडिया के शेयरधारकों- माल्या की ओरेंज इंडिया होल्डिंग्स- को मिलती, जिससे एसबीआई के नेतृत्व वाले 13 भारतीय बैंकों को माल्या से वसूले जाने वाले कर्ज की भरपाई होती।
उरालकली ने प्रशासक एफआरपी एडवाइजरी के खिलाफ लंदन की हाईकोर्ट में कानूनी कार्यवाही शुरू की है। कंपनी ने बोली प्रक्रिया में पूर्वाग्रह और असमान व्यवहार का आरोप लगाते हुए करोड़ों डॉलर के नुकसान का दावा करते हुए यह कानूनी कार्यवाही शुरू की है।
हालांकि प्रशासन ने खंडन करते हुए कहा है कि इस बोली प्रक्रिया में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता बरती गई है। बोली प्रक्रिया पूरी होने के बाद फोर्स इंडिया का अधिकारी रेसिंग प्वाइंट कंसोर्टियम को मिला है। इस समूह की अगुवाई कनाडा के अरबपति लॉरेंस स्ट्रॉल कर रहे हैं।
उरालकली के वरिष्ठ स्वतंत्र निदेशक पॉल जेम्स ओस्टलिंग ने कहा कि हमने परिसंपत्तियों एवं कारोबार को हासिल करने के लिए बहुत ऊंची बोली लगाई थी। बोली की राशि का अधिकांश हिस्सा शेयरधारकों के पास जाता एवं टीम के पास फिर से काफी पूंजी हो जाती, हम गंभीर रूप से चिंतित हैं कि आखिर प्रशासकों ने अधिक से अधिक धन हासिल करने का अवसर क्यों गंवा दिया।