नई दिल्ली। सरकार ने आज लोकसभा में जानकारी दी कि इस साल 30 जून तक सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों से सौ करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने वाले विलफुल डिफॉल्टर्स (जानबूझ कर कर्ज न चुकाने वाले) की संख्या 129 थी, जिन्होंने 28,525 करोड़ रुपए का कर्ज बैंकों से लिया है।
- वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
- उन्होंने बताया कि 2013-14 में इरादतन चूककर्ताओं की संख्या 6336 थी, जिन्होंने 45,731 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।
- इसी तरह 2014-15 में इरादतन चूककर्ताओं की संख्या 7031 जिन्होंने 59,656 करोड़ रुपए और 2015-16 में 8167 इरादतन चूककर्ताओं ने 76,685 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।
तस्वीरों में देखिए कैसे बदलवा रहे हैं लोग नोट
Note Ban
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
सिर्फ 57 कर्जदारों पर बैंकों का 85,000 करोड़ रुपए बकाया, लोन नहीं चुकाने वालों का नाम होगा सार्वजनिक!
- गंगवार के अनुसार इन तीनों वर्षों में क्रमश: 781, 844 और 1650 मामलों में क्रमश: 1839 करोड़ रुपए, 1532 करोड़ रुपए और 3498 करोड़ रुपए वसूले गए।
- उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उधारकर्ताओं से वसूली के लिए वित्तीय दबाव की पहचान आरंभ करने के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं।
फ्लैक्सी किराया प्रणाली से रेलवे को हुई 56 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय
विभिन्न प्रकार की ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली शुरू किए जाने के बाद दो महीनों से भी कम समय में रेलवे को करीब 56 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी हुई है।
रेल राज्य मंत्री राजेन गोहैन ने बताया, राजधानी, दूरंतो और शताब्दी गाडि़यों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली की शुरूआत के कारण नौ सितंबर 2016 से 31 अक्टूबर 2016 के बीच करीब 56 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी हुई।
- राजधानी, दूरंतो और शताब्दी गाडि़यों के लिए फ्लैक्सी किराया प्रणाली की शुरुआत नौ सितंबर से की गई थी।
- अन्य नियमित ट्रेन सेवाओं में यह प्रणाली लागू नहीं की गई है और इस योजना से आम जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
- राजेन गोहैन ने एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में बताया कि अक्टूबर के अंत तक यात्री डिब्बों में करीब 48 हजार बायो-शौचालय लगाए गए हैं।