Sunday, February 16, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कर मामले का निपटान नहीं होने से पुलिस प्रतिष्ठानों में 128 सौर बिजली संयंत्र नहीं कर रहे काम: कैग

कर मामले का निपटान नहीं होने से पुलिस प्रतिष्ठानों में 128 सौर बिजली संयंत्र नहीं कर रहे काम: कैग

देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में पुलिस प्रतिष्ठानों में लगे 128 सौर बिजली संयंत्र 2014 से काम नहीं कर रहे हैं। इसका कारण कार्य अनुबंध कर भुगतान मामले का निपटान नहीं होना है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : March 29, 2021 17:36 IST
कर मामले का निपटान नहीं होने से पुलिस प्रतिष्ठानों में 128 सौर बिजली संयंत्र नहीं कर रहे काम: कैग
Photo:PTI

कर मामले का निपटान नहीं होने से पुलिस प्रतिष्ठानों में 128 सौर बिजली संयंत्र नहीं कर रहे काम: कैग

जम्मू: देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में पुलिस प्रतिष्ठानों में लगे 128 सौर बिजली संयंत्र 2014 से काम नहीं कर रहे हैं। इसका कारण कार्य अनुबंध कर भुगतान मामले का निपटान नहीं होना है। कैग ने जम्मू कश्मीर गृह विभाग से प्राथमिकता आधार पर कार्य-अनुबंध कर के मामले को निपटाने तथा जो संयंत्रों में खामियों को दूर करने को कहा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने 31 मार्च, 2019 को समाप्त वर्ष के लिये हाल में संसद में पेश सामाजिक, सामान्य, आर्थिक और राजस्व से जुड़ी अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य कर विभाग के साथ कार्य अनुबंध कर भुगतान का निपटान नहीं होने पुलिस थानों और परिसरों में लगे 128 सौर बिजली संयंत्र काम नहीं कर रहे। 

इन संयंत्रों को मई 2014 से जनवरी 2015 के दौरान लगाया गया था और इस पर 9.70 करोड़ रुपये का खर्च आया था। साथ ही इस रखरखाव मुक्त वारंटी मिली हुई थी। कैग के अनुसार पुलिस प्रतिष्ठानों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जम्मू कश्मीर पुलिस ने 25 अगस्त, 2011 को 523 जगहों पर सौर फोटोवोल्टिंग प्रणाली उपलब्ध कराने के लिये सरकार को 37.94 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया। इसके दो दिन बाद ही दोबारा से 43.31 करोड़ रुपये का प्रस्ताव 27 अगस्त, 2011 के दिया गया। इसमें 25 अतिरिक्त स्थानों (जिला पुलिस कार्यालय) को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार ने केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) के तहत 33.54 करोड़ रुपये मंजूर करते हुए फरवरी 2012 में 523 सौर बिजली संयंत्र लगाने को मंजूरी दी। 

इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 1,408.6 केडब्ल्यूपी (किलोवाट पीक) थी। ये परियोजनाएं जम्मू कश्मीर पुलिस के प्रतिष्ठानों में करीब 37.94 करोड़ रुपये की लागत से लगायी जानी थी। बाद में 523 स्थानों को बढ़ाकर 562 कर दिया गया। इसकी कुल क्षमता 1553.76 केडब्ल्यूपी थी। राज्य स्तरीय खरीद समिति की सिफारिश के आधार पर मार्च 2012 में निविदा जारी करने का निर्णय किया गया। निविदा में सबसे कम 36.12 करोड़ रुपये की बोली लगायी गयी। इसमें कर शामिल था।

निविदा दस्तावेज में कहा गया था कि जम्मू कश्मीर सेवा कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) इस अनुबंध में शामिल नहीं होगा और अगर राज्य कर विभाग इसकी मांग करता है तो पुलिस विभाग अतिरिक्त राशि का भुगतान करेगा। कैग के अनुसार 252 सौर बिजली परियोजनाएं (एसपीपी) लगाये जाने के बाद, 163 परिचालन में नहीं पाये गये। इसमें 128 एसपीपी शामिल थी जिसके लिये 9.70 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘गृह विभाग ने अगस्त 2015 में आपूर्तिकर्ता से 163 एसपीपी में खामियों को ठीक करने को कहा। आपूर्तिकर्ता ने विभाग से कहा कि एसपीपी की पुरानी इकाइयों की मरम्मत करने के बजाए, नई इकाइयां (नई बिजली कंडीशनिंग इकाइयां) भेजी गयी।’’ कैग के अनुसार, ‘‘हालांकि माल को बिक्री कर विभाग ने कार्य अनुबंध कर जमा नहीं होने को लेकर पकड़ा है। गृह विभाग ने फरवरी 2015 से मई 2018 के दौरान मामले को सरकार के समक्ष उठाया और ऐसे कर को या तो माफ करने या फिर कार्य अनुबंध कर के तहत 10.50 प्रतिशत की दर से 3.80 करोड़ रुपये जारी करने को कहा।’’

जुलाई 2017 में पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय के ऑडिट जांच में पाया गया कि कार्य अनुबंध कर का मामला पांच साल से अधिक समय बाद भी नहीं सुलझा और 128 एसपीपी अभी काम नहीं कर रहे जिसके लिये जनवरी 2015 में 9.70 करोड़ रुपये दिये गये थे। कैग के अनुसार मामले की जानकारी मई 2020 में सरकार को दी गयी, उसके जवाब की अभी प्रतीक्षा है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement