नयी दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 137 करोड़ आबादी वाले भारत में अब 125 करोड़ से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड उपलब्ध है, यानी देखा जाए तो भारत की तकरीबन 90 फीसदी से भी ज्यादा की आबादी के पास आधार कार्ड है। यूआईडीएआई ने शुक्रवार को कहा कि अब 125 करोड़ भारतवासियों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'आधारधारकों की पहचान के लिए प्राथमिक पहचान दस्तावेज के रूप में आधार के तेजी से बढ़ते उपयोग के साथ यह उपलब्धि हासिल की गयी है। यह इस तथ्य से साबित होता है कि शुरूआत से लेकर अबतक सत्यापन सेवाओं के लिये 37,000 करोड़ बार आधार का उपयोग किया गया है।' यूआईडीएआई ने कहा कि आधार परियोजना ने नया मील का पत्थर हासिल किया है। यह 125 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है।
बयान के अनुसार, 'इसका मतलब है कि देश के 1.25 अरब भारतीयों के पास 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या है।' यूआईडीएआई को हर दिन आधार के जरिए सत्यापन हेतु करीब 3 करोड़ अनुरोध मिलते हैं। बयान में कहा गया है, 'साथ ही लोग आधार को अद्यतन करने को लेकर भी सचेत हैं। यूआईडीएआई ने अबतक 331 करोड़ सफल आधार अपडेट (बॉयोमेट्रिक और जनसंख्या) किया है।' विज्ञप्ति के अनुसार वर्तमान में यूआईडीएआई को रोजाना लगभग 3 से 4 लाख आधार अपडेट अनुरोध अनुरोध मिलते हैं।
मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक आधार प्रणाली का भारत में व्यापक स्तर प्रसार हो चुका है। बता दें 12 अंकों वाले आधार नंबर की की शुरुआत महाराष्ट्र से सितंबर 2009 में हुई थी। पैन कार्ड बनवाने से लेकर सरकार की योजनाओं का फायदा लेने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालाना 6000 रुपए की राशि पाने के लिए भी अब संबंधित बैंक अकाउंट से आधार का लिंक होना जरूरी है।
आधार से लिंक कराने के बाद व्यक्ति की पहचान हो जाती है और सरकारी सब्सिडी किस-किस तक कितनी पहुंची, इसका डाटा भी भारत सरकार के पास पहुंच जाता है। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए लागू प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) के लिए भी आधार को अनिवार्य बना दिया गया है।