नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार नई प्रक्रिया के तहत इस साल 10,000 नए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त करेगी। इसका मकसद 2018 तक देश भर में स्वच्छ ईंधन पहुंचाना है। देश में फिलहाल करीब 16,000 डीलर हैं। सरकार इसमें 10,000 नए तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) डीलरशिप और जोड़ेगी। प्रधान ने कहा, हमने 2016 को एलपीजी उपभोक्ता वर्ष घोषित किया था और यह 2018 तक स्वच्छ रसाई गैस देश की पूरी आबादी को उपलब्ध कराने का एक और प्रयास है।
उन्होंने कहा कि करीब 2,000 एजेंसियां बनाए जाने की प्रक्रिया में हैं और शेष रसोई गैस वितरक अगले दो चरणों में बनाए जाएंगे। देश में फिलहाल 27 करोड़ पंजीकृत एलपीजी ग्राहक हैं। इसमें से 16.5 करोड़ सक्रिय हैं। इसके अंतर्गत करीब 60 फीसदी आबादी आती है। प्रधान ने कहा, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत तीन साल में हमारी ग्रामीण महिलाओं को 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।
नए डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त करने की नई पॉलिसी के बारे में बताते हुए प्रधान ने कहा कि एलपीजी वितरकों को चार श्रेणी में बांटा जाएगा शहरी, अर्द्ध-शहरी, ग्रामीण तथा दूरदराज के इलाकों के वितरक। उन्होंने कहा कि उम्र, शिक्षा, कोष आवश्यकता तथा गोदामों तथा शोरूम के लिए जमीन के मालिकाना हक से जुड़े नियमों में ढील दी गई है ताकि चयन प्रक्रिया में ज्यादा लोग भाग ले सकें। मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र के वितरकों का चयन कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ के जरिये किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि अन्य श्रेणी के लिए यह हाथ से लॉटरी निकालकर किया जाएगा। सभी श्रेणी में 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए है। तीन फीसदी आरक्षण शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए दिया गया है। साथ ही रक्षा कर्मियों तथा उनके आश्रितों के साथ खिलाडि़यों को तरजीह दी जाएगी।