नयी दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्योगपतियों से किये वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताते हुए शनिवार को कहा कि राज्य में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा जिससे रोजगार के दो लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे। झारखंड निवेशक सम्मेलन के दौरान सोरेन ने यहां झारखंड औद्योगिक और निवेश संवर्धन नीति (जेआईआईपीपी) 2021 का शुभारंभ करते हुए निवेशकों का रियायतों और सुविधाओं के साथ स्वागत किया और उनसे उनकी प्रतिबद्धताओं का पूरा करने का आग्रह किया।
सोरेन ने टाटा, सेल, वेदांता और डालमिया जैसे उद्योग समूहों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राज्य सरकार निवेशकों के सहयोग से आगे बढ़ना चाहती है। प्रकृति ने झारखंड को जो अनंत संसाधन दिए हैं, हम उनका लाभ उठाकर विकास के पथ पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपने वादों को पूरा करेंगे और ऐसी ही हम उद्योगपतियों से उम्मीद रखते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य के लिए 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है, जिससे लगभग दो लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शुरू ही प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने पर काम कर रही है। झारखंड सरकार ने सभी संभावित निवेशकों से वादा किया है कि यदि वे अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जनजाति के 35 प्रतिशत कर्मचारियों को अपने कार्यबल में शामिल करने की प्रतिबद्धता जताते हैं तो उन्हें नई जेआईआईपीपी-2021 के मौजूदा प्रावधानों के अलावा अतिरिक्त प्रोत्साहन दिए जाएंगे। दो दिन के सम्मेलन के दौरान टाटा स्टील ने अगले तीन वर्षों में राज्य में 3,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
वही डालमिया समूह ने अपने सीमेंट संयंत्र का विस्तार करने, सौर ऊर्जा संयंत्र और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। सार्वजानिक क्षेत्र की स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि.(सेल) ने भी चार हजार करोड़ रुपये का निवेश करना की प्रतिबद्धता जताई है। जबकि आधुनिक पावर ने 1,900 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता किया है और प्रेम रबड़ वर्क्स प्राइवेट लि.ने राज्य में 50 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।