नई दिल्ली। एडमिनिस्ट्रेटिव रिफाॅर्म करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। अधिकारियों का यह एक तकतवर समूह है, जो सरकार के काम-काज में अपने दखल और संख्या को कम होते नहीं देख सकता। इसके कारण की रिफॉर्म रफ्तार धीमी बनी हुई है। अब सरकार के पास बेहतर मौका आने वाला है, जब वह एडमिनिस्ट्रेटिव रिफाॅर्म की इस चुनौती से निपट सकती है। 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल 2015 तक केंद्र सरकार के पास 33 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिसमें से करीब 10 लाख (29 फीसदी) लोगों की उम्र 50-60 वर्ष के बीच है। यानी अगले 10 वर्षों में ये कर्मचारी रिटाय हो जाएंगे। इससे सरकारी मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी, लेकिन उसके पास मौका होगा कि वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए नई सोच और युवा जोश वाले लोगों को मौका देकर रिफॉर्म को रफ्तार दी जा सके।
पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर ने हाल में कहा है कि बिना एडमिनिस्ट्रेटिव रिफाॅर्म के आर्थिक रिफाॅर्म करना मुश्किल है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सबसे बड़ी रुकावट एडमिनिस्ट्रेटिव क्षमता का कम होना है। यह समय है की सरकार अपने टॉप एजेंडे में एडमिनिस्ट्रेटिव रिफाॅर्म को शामिल करे और कार्यकुशलता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का सिस्टम बनाए।
सरकार को मिलेगा एडमिनिस्ट्रेटिव रिफाॅर्म का मौका
करीब 900 पन्नों की रिपोर्ट में यह कहा गया कि अगले 10 साल में रिटायरमेंट लेने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। वेतन आयोग ने कहा कि उच्च स्तर के अनुभवी कर्चारियों के जाने से सरकार का खर्चा बढ़ेगा साथ ही काम भी प्रभावित होगा। नई भर्ती होने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग और कौशल विकास करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, मंत्रालयों/विभागों के पास अपने वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों के हिसाब से कर्मचारियों की भर्ती करने का मौका होगा। इनके रिटायर होने से एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म को बढ़ावा मिलेगा। सरकार बाहर से प्रोफेशनल्स से काम करा सकती है। कर्मचारियों के प्रदर्शन के अधार पर सैलरी निर्धारित कर सकती है।
कपड़ा मंत्रालय के कर्मचारी सबसे ज्यादा होंगे रिटायर
कपड़ा मंत्रालय में सबसे ज्यादा (75 फीसदी) कर्मचारी 50-60 साल आयु वर्ग के हैं। इसके बाद कोयला मंत्रालय में 64 फीसदी और शहरी विकास मंत्रालय में 62 फीसदी कर्मचारियों की संख्या है।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों में 22.23 फीसदी 20-30, 22.28 फीसदी 30-40 और 26.1 फीसदी 40-50 आयु वर्ग के लोग हैं।
1 जनवरी 2014 तक सरकार ने 40.4 लाख पदों को मंजूर किया था। लेकिन कुल स्वीकृत पदों की तुलना में केवल 3.30 लाख लोग ही कार्यरत थे। यानी करीब 7.44 लाख (18 फीसदी) पद खाली हैं। दुनिया का सबसे बड़ा रोजगार देने वाली भारतीय रेल (जिसके पास 13 लाख कर्मचारी हैं) के पास रिक्त पदों की संख्या सबसे ज्यादा 2.35 लाख है। वहीं रक्षा मंत्रालय (सिविल) में 1.87 लाख और गृह मंत्रालय में 69,000 से अधिक पद रिक्त हैं।
Source: 7th Pay Commission and Scroll India