नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से पथ कर (टोल) संग्रह शुरू होने के साथ अब तक 1.10 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न बिक्री केंद्रों (पीओएस) के जरिये करीब 1.10 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं।
राजमार्ग प्राधिकरण रोज करीब डेढ़ से दो लाख फास्टैग की बिक्री देख रहा है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोग इस डिजिटल व्यवस्था को स्वीकार कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, दैनिक इलेक्ट्रॉनिक पथ कर संग्रह करीब 46 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
एनएचएआई ने यात्रा को सुगम बनाने के लिए 15 दिसंबर से देशभर के अपने 523 टोल प्लाजा पर आरएफआईडी आधारित फास्टैग से पथ कर संग्रह शुरू किया है। अधिकारी ने कहा कि फास्टैग व्यवस्था शुरू होने के आठ दिन के भीतर ही फास्टैग से रोजाना आधार पर टोल लेनदेन की संख्या करीब 24 लाख पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि राजमार्ग प्राधिकरण इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद से यात्रियों द्वारा उठाई जा रही समस्याओं को सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। अब तक उठाए गए सभी मुद्दों पर एनएचएआई के अधिकारी काम कर रहे हैं। फास्टैग रिचार्ज होने वाला प्रीपेड टैग है, जिससे टोल पर अपने आप बिना रुके ऑनलाइन भुगतान हो जाएगा।