नई दिल्ली: बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए व्याख्यान से संकेत मिला है कि आगामी बजट भारत के लिए एक नए दशक की शुरुआत और एक नए भारत का निर्माण करने के लिए तैयार किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार की सुबह संसद का बजट सत्र शुरू होने से पहले अपने प्रथागत वक्तव्य में भारत के लिए एक नए दशक की शुरुआत के संकेत दिए थे। इस दौरान मोदी ने सभी सांसदों से 'नए दशक में देश के उज्जवल भविष्य' के लिए एक मजबूत नींव रखने की दिशा में काम करने के लिए कहा।
प्रधानमंत्री ने देश में आर्थिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा करने और वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत को अधिकतम लाभ कैसे पहुंचाएं, इसका आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘हमें इस सत्र में ज्यादातर आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमें यह देखने की कोशिश करनी चाहिए कि भारत वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से सबसे अधिक लाभ कैसे उठा सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को कैसे आगे ले जाया जा सकता है।’ इसके अलावा राष्ट्रपति कोविंद ने भी 'नए दशक' विषय पर काफी जोर दिया। इस दौरान उन्होंने इस सदी को भारत की सदी बनाने पर जोर दिया।
राष्ट्रपति कोविंद ने संसद को अपने संबोधन में कहा, ‘यह दशक भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दशक में हम अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेंगे। इस दशक में हम सभी को एक नया भारत बनाने के लिए नई ऊर्जा के साथ काम करना होगा। सरकार के प्रयासों से पिछले पांच वर्षों में एक मजबूत नींव रखी गई है, ताकि इस दशक को भारत का दशक और इस सदी को भारत की सदी बनाया जा सके।’
उन्होंने कहा, ‘मैं 21वीं सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में संसद के संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए प्रसन्न हूं। मैं एक बार फिर से नए साल की शुभकामनाएं देता हूं और संसद के सभी सदस्यों को इस ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनने के लिए बधाई देता हूं।’ भारत के लिए इस नए दशक पर ध्यान केंद्रित करने और वैश्विक आर्थिक अवसरों को भुनाने के साथ यह बजट संरचनात्मक सुधारों की ओर अग्रसर होते हुए अर्थव्यवस्था को उभारने का काम कर सकता है। शनिवार को पेश किए जाने वाले इस बजट का सभी को इंतजार है। (IANS)