मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के आखिरी बजट में आज वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने सभी लोगों को कुछ न कुछ देने का प्रयास किया। अपने डेढ़ घंटे लंबे भाषण में वित्त मंत्री ने गांव, गरीब, किसानों, मजदूरों, रक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर सभी क्षेत्र को छूने का प्रयास किया। लेकिन सबसे बड़ी घोषणा आयकर को लेकर हुई। वित्त मंत्री ने आयकर की सीमा को 5 लाख रुपए करने की घोषणा की, इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि निधि की घोषणा की गई। इसके तहत 2 हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन वाले किसानों के खातें में हर साल 6 हजार रुपये जाएंगे। आइए जानते हैं वित्त मंत्री ने बजट में किस किस सेक्टर को क्या क्या दिया।
Budget 2019: बजट में वित्त मंत्री ने दिए नौकरीपेशा लोगों को दिए ये तोहफे
नौकरीपेशा
वित्त मंत्री ने सबसे बड़ा तोहफा नौकरीपेशा वर्ग को दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पूरी तरह से कर मुक्त होगी और विभिन्न निवेश उपायों के साथ 6.50 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर कोई कर नहीं देना होगा। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया। इसके साथ ही ईएसआई के लिए सैलरी का स्तर 15000 से बढ़ाकर 21000 रुपए कर दिया गया है। ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है। सरकार की 21 हजार रुपये कमाने वालों को 7 हजार रुपये बोनस की योजना।
किसान
वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों की आय और बढ़ाई जाएगी। 2 हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन वाले किसानों के खातें में हर साल 6 हजार रुपये जाएंगे। करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। इसे 1 दिसंबर 2018 से लागू किया जाएगा। राष्ट्रीय गोकुल योजना के लिए 2019-20 के बजट में 750 करोड़ रुपये का आवंटन। सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।
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श्रमिक
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना योजना के तहत 3000 रुपए मासिक की पेंशन की व्यवस्था। योजना का लाभ उठाने के लिए मजदूर से हर महीने 100 रुपए लिए जाएंगे 60 वर्ष की आयू के बाद मजदूर पेंशन का लाभ उठा सकेगा।
सैनिक
इस बार बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। जो अब तक का सबसे अधिक है। सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन अवधारणा लागू की है और अब तक 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण कर चुकी है।
ग्रामीण भारत
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में हमने गांवों में शहरों जैसी सुविधाएं दी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ने इसमें काफी योगदान किया। गांव की सड़कों के लिए 19 हजार करोड़ रुपये इस साल दिए जाएंगे।