वॉशिंगटन। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है। फेडरल रिजर्व की मौजूदा अध्यक्ष जेनेट येलेन के स्थान पर इस सप्ताह जेरोमी पॉवेल मोर्चा संभालेंगे। अमेरिका में ब्याज दरें न बढ़ने का सीधा फायदा भारत को विदेशी निवेश्ा के रूप में मिलता रहेगा। ब्याज दरें न बढ़ने की वजह से विदेशी निवेशक भारत में अपना निवेश जारी रखेंगे और इससे भारतीय शेयर बाजार में आगे भी तेजी बरकरार रहेगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, फेडरल रिजर्व ने अपनी दो दिवसीय बैठक में ब्याज दरें 1.25 से 1.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी है। फेडरल रिजर्व की ओर से जारी बयान के मुताबिक, रोजगार, घरेलू खर्च में बढ़ोतरी हुई है और बेरोजगारी दर धीमी बनी हुई है।
अमेरिकी डॉलर लुढ़का
अमेरिकी डॉलर में अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले गिरावट रही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बुधवार को न्यूयॉर्क ट्रेडिंग में यूरो बीते सत्र के 1.2405 डॉलर के मुकाबले 1.2416 डॉलर बढ़ गया। वहीं, ब्रिटिश पाउंड में बीते सत्र में 1.4153 डॉलर के मुकाबले 1.4184 डॉलर की मजबूती रही।
डॉलर के मुकाबले ऑस्ट्रेलियाई डॉलर भी 0.8084 से घटकर 0.8052 हो गया। डॉलर सूचकांक बीते कारोबार में 0.04 फीसदी की कमजोरी के साथ 89.120 पर रहा।