नयी दिल्ली। आगामी 5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 2019-20 पेश होगा। उससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों का आह्वान किया है कि वे केंद्र के साथ मिलकर काम करें। राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ शुक्रवार को बजट पूर्व बैठक में सीतारमण ने कहा कि केंद्र आर्थिक वृद्धि की दिशा तय करता है, लेकिन जमीन पर इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्यों का काम है।
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उन्होंने कहा कि जब तक राज्य और केंद्र मिलकर काम नहीं करेंगे, लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता। मंत्री ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का समर्थन मांगते हुए अपनी ओर से भी पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया।
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बजट पर विचार विमर्श के लिए बुलाई गई बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जब तक राज्य और केंद्र साथ मिलकर काम नहीं करेंगे किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। आर्थिक वृद्धि की दिशा तय करना केंद्र की जिम्मेदारी है जबकि जमीन पर इसके क्रियान्वयन का दायित्व राज्यों का है।
वित्त मंत्रालय ने कई ट्वीट कर कहा कि सीतारमण ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का सहयोग मांगा है ताकि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके। साथ ही उन्होंने वांछित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्यों को अधिक कोष का बंटवारा किया गया है। हाल के समय में यह 8,29344 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,38,274 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। 14वें वित्त आयोग में कर बंटवारे में राज्यों का हिस्सा बढ़कर 42 प्रतिशत पर पहुंच गया है जो 13वें वित्त आयोग के दौरान 32 प्रतिशत था।