नई दिल्ली। RERA, वस्तु एवं सेवा कर (GST) और नोटबंदी जैसे विभिन्न सुधारों से बुरी तरह प्रभावित रियल्टी सेक्टर को बजट में कर की कम दरें तथा आधारभूत संरचना क्षेत्र का दर्जा जैसी राहतों की उम्मीद है। वर्ष 2017 रियल्टी क्षेत्र के लिए ढांचागत नीतिगत सुधारों का साल रहा। इनके कारण नए घरों की पेशकश 2016 के 1,75,822 इकाइयों से कम होकर 1,03,570 इकाइयों पर आ गई थी।
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में GST की दर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ छह प्रतिशत तय कर देने से क्षेत्र में सुधार होगा और मांग बढ़ेगी। वर्तमान में यह 12 प्रतिशत रखी गई है।
GST लागू होने से पहले रियल एस्टेट सेक्टर में सेवा कर 4.5 प्रतिशत और मूल्यवर्धित कर एक प्रतिशत था जिससे कर की कुल दर 5.5 प्रतिशत ही होती थी। टाटा हाउसिंग के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ब्रोटिन बनर्जी ने कहा कि हम संपत्तियों के पंजीयन तथा अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी को कम किए जाने या GST में मिला दिए जाने की उम्मीद कर रहे हैं। करों में कमी से उपभोक्ता के मद्देनजर वित्तीय बोझ में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट को आधारभूत संरचना का दर्जा मिलने से भी निर्माण के लिए ली जाने वाली राशि कम दरों पर उपलब्ध हो पाएंगी।