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Budget 2021 पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बयान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि उन्होंने एक खुला व पारदर्शी बजट पेश किया है। इसमें कुछ भी दबाने या छिपाने का प्रयास नहीं किया गया है।

Written by: Bhasha
Published on: February 01, 2021 21:57 IST
Budget 2021 पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बयान- India TV Paisa
Photo:PTI

Budget 2021 पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बयान

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि उन्होंने एक खुला व पारदर्शी बजट पेश किया है। इसमें कुछ भी दबाने या छिपाने का प्रयास नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार बजट का ध्यान बुनियादी संरचना पर खर्च बढ़ाने तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करना था, ताकि कोरोना वायरस महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष में 7.7 प्रतिशत की दर से गिरने जा रही अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके। सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार अपना हिसाब-किताब स्वच्छ करने के अवसर से नहीं चूकी है। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे जुलाई 2019 में शुरू किया, फरवरी 2020 में भी जारी रखा और हमने इस बार हिसाब-किताब और पारदर्शी बनाया है। कुछ भी छिपाया नहीं गया है। हम साफ-साफ दिखा रहे हैं कि पैसे कहां खर्च हो रहे हैं। एफसीआई को दिये गये पैसे का भी वर्णन किया गया है। अत: सरकार के राजस्व और व्यय के ब्यौरों का लेखा-जोखा अब अधिक खुला व पारदर्शी हो गया है।’’ उन्होंने कहा कि बजट में राजकोषीय प्रबंधन की भी स्पष्ट राह दिखायी गयी है और इसे 2025-26 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में मांग का सृजन करने के लिये चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय बढ़ाया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका परिणाम हुआ कि उधारी बढ़ गयी और फरवरी 2020 में जो राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत था, वह अब जीडीपी के 9.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है। अत: स्पष्ट है कि हमने खर्च किया है, अन्यथा राजकोषीय घाटा इतना ऊपर नहीं जाता।’’ सीतारमण ने कहा कि बुनियादी संरचना पर खर्च 4.12 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर व्यय को 2020-21 के 94 हजार करोड़ रुपये के बजट अनुमान से बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपये किया गया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘यह बजट ऐसे समय आया है, जब हम सभी ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का निर्णय लिया था। यदि हम बुनियादी संरचनाओं पर खर्च बढ़ाते हैं तो यह जरूरी मांग उत्पन्न करेगा। यही कारण है कि ‘बुनियादी अवसंरचना विकास पर अधिक खर्च’ और ‘स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की जरूरतों की पूर्ति’ का हमारा निर्णय इस बजट की दो खास बातें हैं।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में जांच करने वाली प्रयोगशालाओं तथा गहन चिकित्सा केंद्रों के संदर्भ में क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। 

आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने जीडीपी की वृद्धि के बारे में कहा कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी 10-10.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘राजस्व के हमारे लक्ष्य बढ़ा-चढ़ा कर नहीं बल्कि कम ही रखेग गए हैं। हमने वर्तमान मूल्य के आधार पर जीडीपी की वृद्धि दर को 14.4 प्रतिशत और राजस्व में वृद्धि को 16.7 प्रतिशत रखा है। अत: (लक्षित) उछाल केवल 1.16 प्रतिशत है। हम इससे अधिक हासिल करने को लेकर आशावान हैं। (राकोषीय घाटे के मामले में) हम निश्चित रूप से (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत या उससे नीचे ही रहेंगे।’’

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