नई दिल्ली। रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने और आम घर खरीदारों को राहत देने के लिए हर किसी को सरकार से इस साल बजट में कई बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है। लेकिन बजट से पहले ही सरकार ने घर खरीदारों को बड़ी राहत दे दी है। हाल ही में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के दौरान फैसला लिया गया था कि होमबायर्स को प्रधानमंत्री आवास योजना की क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम के तहत कम ब्याज चुकाना होगा। जीएसटी काउंसिल ने इसके लिए जीएसटी की दर को घटा दिया था। गुरुवार से यह कटौती लागू हो गई है। ऐसे में यदि आप अभी घर का सौदा करने जा रहे हैं तो आपको इसका फायदा मिल सकता है।
हालांकि जीएसटी काउंसिल द्वारा दी गई इस रियायत में एक शर्त लगाई गई है। नए जीएसटी नियमों के अनुसार छूट पाने के लिए घर या अपार्टमेंट का कार्पेट एरिया 150 वर्ग मीटर यानी 1,615 वर्ग फीट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। होमबायर्स को अब 12 फीसदी की बजाय 8 फीसदी जीएसटी ही चुकाना होगा। यह सुविधा अंडर-कंस्ट्रक्शन मकानों और सीएलएसएस की स्कीम के तहत खरीदे गए घरों पर ही मिलेगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स के मुताबिक, 'सबसे महत्वपूर्ण सिफारिशों में से हाउसिंग सेक्टर में निर्माणाधीन मकानों और क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम के तहत खरीदे गए घरों पर जीएसटी में कटौती करना है।'
सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स ने एक बयान जारी कर कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, लोअर इनकम ग्रुप, मिडल इनकम ग्रपु-1, मिडल इनकम ग्रुप-2 और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खरीदे गए घरों पर रेट में यह कटौती लागू होगी।' हालांकि जो लोग क्रिडेट लिंक सब्सिडी स्कीम के तहत नहीं आते हैं, उन्हें अधिक जीएसटी चुकाना ही होगा। जो लोग क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम का फायदा लेने के योग्य नहीं हैं, उन्हें घर खरीदने पर 12% की दर से ही जीएसटी देना होगा।