नई दिल्ली। सरकार आगामी आम बजट में आयकर के स्तर तथा दरों में संशोधन कर सकती है ताकि आम लोगों पर दबाव कम किया जा सके। वित्तीय परामर्श सेवा कंपनी ईवाय के एक बजट पूर्व सर्वेक्षण में 69 प्रतिशत लोगों की राय है कि कर छूट का स्तर बढ़ाना चाहिए ताकि लोगों के पास खर्च करने को ज्यादा आय बचे। सर्वेक्षण में करीब 59 प्रतिशत ने कहा कि विभिन्न प्रकार की अब अप्रासंगिक हो चुकी कटौतियों की जगह एक मानक कटौती होनी चाहिए जिससे कर्मचारियों के ऊपर कर दबाव कम होगा।
इस सर्वेक्षण में 150 मुख्य वित्त अधिकारियों, कर प्रमुखों व वरिष्ठ वित्त पेशेवरों ने भाग लिया और यह जनवरी में हुआ। करीब 48 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें वित्त मंत्री द्वारा कॉरपोरेट कर कम किये जाने की उम्मीद है लेकिन उन्हें लगता है के उपकर जारी रहेंगे। करीब 65 प्रतिशत लोगों का अनुमान है कि लाभांश पर कर व्यवस्था में बदलाव किए जा सकते हैं। ईवाय ने कहा, ‘‘बजट पूर्व सर्वेक्षण में पता चलता है कि कर नीतियां स्थिर एवं सतत होगी तथा कर ढांचे में सुधार होगा।’’
फिलहाल देश में 2.5 लाख रुपए तक की सालाना कमाई पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है जबकि 2.5 लाख रुपए से ऊपर 5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 5 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है। 5 लाख रुपए से ऊपर 10 लाख रुपए तक 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपए से ऊपर की सालाना कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है।