नई दिल्ली। शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में कहा गया है कि भारत में एक नया हथियार खरीदने के लिए आवश्यक लाइसेंस के लिए जितने दस्तावेज लगते हैं उससे कहीं ज्यादा दस्तावेज दिल्ली में एक रेस्टॉरेंट खोलने के लिए आवश्यक होते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में हथियार खरीदना आसान है, जबकि एक रेस्टॉरेंट खोलना मुश्किल है।
नेशनल रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अनुसार, बेंगलुरु में एक रेस्टॉरेंट खोलने के लिए 36 मंजूरियां लेनी होती हैं। रेस्टॉरेंट खोलने के लिए दिल्ली में 26 और मुंबई में 22 मंजूरियां लेनी पड़ती हैं। इसके साथ ही दिल्ली और कोलकाता में एक पुलिस ईटिंग हाउस लाइसेंस भी लेना होता है। दिल्ली पुलिस से यह लाइसेंस लेने के लिए 45 तरह के दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। वहीं इसकी तुलना में नया हथियार और प्रमुख गोलाबारूद लेने के लिए क्रमश: 19 और 12 दस्तावेजों की ही जरूरत होती है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सर्विस सेक्टर को कई नियामकीय अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कहा गया है कि बार और रेस्टॉरेंट सेक्टर रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है और पूरी दुनिया में इस सेक्टर में ग्रोथ देखी जा रही है। भारत में बार या रेस्टॉरेंट शुरू करने की राह में बहुत अधिक बाधाएं हैं।
एक सर्वे के मुताबिक भारत में एक रेस्टॉरेंट खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंस की संख्या पूरी दुनिया में सबसे अधिक है। चीन और सिंगापुर में इसके लिए केवल चार लाइसेंस की जरूरत होती है, जबकि भारत में कई अनिवार्य लाइसेंस और मंजूरियां लेनी होती हैं।
भारत में लाइसेंस और मंजूरियों को केवल सरकारी पोर्टल या सूचना केंद्र से ही हासिल किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर न्यूजीलैंड में ऑकलैंड काउंसिल की वेबसाइट, जो एक थर्ड पार्टी एजेंसी द्वारा संचालित है, पर रेस्टॉरेंट खोलने के लिए मंजूरी, शुल्क और समय-सीमा के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश और चरणबद्ध प्रक्रिया को उपलब्ध कराया गया है।