नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अपना दूसरा बजट पेश करने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार आने वाले समय में आयकर में दी जाने वाली सभी तरह की रियायतें समाप्त करने की मंशा रखती है। इसका सीधा मतलब है कि बजट में जो नई आयकर व्यवस्था पेश की गई है, भविष्य में वही लागू होगी और पुरानी आयकर व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। अभी सरकार ने आयकर दाताओं को अपनी मर्जी से पुरानी या नई आयकर व्यवस्था चुनने का विकल्प दिया है। नई आयकर व्यवस्था में आयकर कानून के तहत प्रदत्त कोई भी रियायत नहीं मिलेगी।
वित्त मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि अगले कुछ महीने में बड़े विनिवेश होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020- 21 में 2.10 लाख करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य हासिल होने की भी उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व में सुधार से राजकोषीय घाटे के वर्तमान में जीडीपी के 3.8 प्रतिशत से घटकर 3.5 प्रतिशत पर आने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी। विनिवेश सचिव ने कहा कि भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए रुचि पत्र (ईओआई) जल्द ही पेश किया जाएगा।