नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपए कर दिया है। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा मानक कटौती की सीमा को भी 40,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 करने का प्रस्ताव किया गया है।
अभी तक 2.5 लाख रुपए की आमदनी को टैक्स से छूट दी गई है। 3 लाख रुपए की आमदनी पर 2600 रुपए टैक्स देना पड़ता है। 5 लाख रुपए की आमदनी पर 13,000 रुपए टैक्स बनता है। 10 लाख रुपए की आमदनी पर 117000 रुपए का टैक्स बनता है। अब 5 लाख रुपए तक की आय कर छूट होने से सीधे-सीधे 13,000 रुपए सालाना का फायदा होगा।
गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रस्तवा से मध्यम वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा। आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपए होगी। एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा और बढ़ जाएगी।
40,000 रुपए तक के ब्याज पर नहीं लगेगा टीडीएस
वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40,000 रुपए तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10,000 रुपए तक के ब्याज पर थी। इस प्रस्ताव से वरिष्ठ नागरिकों और छोटे जमाकर्ताओं के लिए बड़ा फायदेमंद होगा, जो आय के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले ब्याज पर निर्भर रहते हैं।