नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पेश किए गए देश के बजट में कृषि से लेकर उद्योगों तक और रेल से लेकर रोजगार तक कई बड़े ऐलान किए। बजट पेश करते हुए उन्होंने अपनी सरकार द्वारा लाए गए आर्थिक सुधारों की भी चर्चा की। हालांकि इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद पाले नौकरीपेशा और मध्य वर्ग के लोगों को इस बजट से कुछ खास नहीं मिल पाया। फिर भी इस बजट ने किसानों और उद्योगों को काफी राहत दी है। आइए, जानते हैं मोदी सरकार के इस बजट की 10 खास बातों के बारे में:
1: कृषि क्षेत्र पर जोर- वित्त मंत्री ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया। सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने देश के किसानों की आमदनी बढ़ाकर साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिए बाजार मूल्य और MSP में अंतर की रकम सरकार वहन करेगी। ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़ रुपये और मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की। मोदी सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए 11 लाख करोड़ का फंड बनाने का भी ऐलान किया।
2: सैलरीड क्लास को लगा झटका- इनकम टैक्स में कोई राहत न मिलने से नौकरीपेशा वर्ग को मायूसी हाथ लगी। हालांकि बजट में 4 लाख रुपये तक कमाने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन से 2,100 रुपये का फायदा होगा। वहीं, सैलरीड क्लास को मेडिकल और ट्रांसपोर्ट रीइंबर्समेंट के तहत 40,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, जबकि बुजुर्गों को बैंक में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये होगी। हालांकि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सेस की दर 1 फीसदी बढ़ेगी जिससे अब 3 की बजाय 4 फीसदी टैक्स देना होगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स की छूट बढ़कर 50,000 रुपये हुई।
3: शिक्षा के लिए बड़े ऐलान- वित्त मंत्री ने बताया कि ऐसे ब्लॉक जहां आदिवासियों की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा होगी वहां आदिवासियों के लिए आवासीय एकलव्य स्कूलों की स्थापना की जाएगी। ये स्कूल नवोदय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय होंगे। इसके अलावा सरकार जिला स्तर के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को अपग्रेड कर 24 नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाएगी। सरकार प्रधानमंत्री रिसर्च फेलो स्कीम शुरू करेगी जिसमें 1000 बीटेक छात्रों को IIT से पीएचडी करने का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा 13 लाख से ज्यादा शिक्षकों को ट्रेनिंग दिए जाने का लक्ष्य है।
4: कंपनियों का भी बनेगा 'आधार कार्ड'- केंद्र सरकार आधार की तर्ज पर जल्द ही कंपनियों को भी विशेष पहचान नंबर देगी। वित्र मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार सभी कंपनियों को एक यूनीक आईडी देने के लिए आधार की तरह एक योजना लेकर आएगी। सरकार को आधार के जरिए सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और सब्सिडी लीकेज को कम करने में मदद मिली है और इसीलिए सरकार 'आधार कार्ड' के जरिए निजी कंपनियों के भ्रष्टाचार और फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाना चाहती है।
5: रोजगार के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का ऐलान- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पांचवे बजट में मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में सरकार संभालने के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रोजगार मुहैया कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी और सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री ने लघु और मझोले उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने पिछली बार की तुलना में 20 फीसदी अधिक राशि मुद्रा योजना के लिए आवंटित करने की घोषणा की।
6: रेलवे के लिए हुई बड़ी घोषणाएं- वित्त मंत्री ने बजट में भारतीय रेलवे के लिए 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये का आवंटन करने का ऐलान किया है। अब भारतीय रेलवे को पूरी तरह ब्रॉडगेज किया जाएगा। इसके अलावा पटरी और गेज बदलने के काम भी किया जाएगा। इस साल 700 नए रेल इंजन और 5160 नए कोच तैयार किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने रेलवे स्टेशनों पर CCTV लगाने की योजना का भी ऐलान किया है। इस साल में 600 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने का काम किया जाएगा।
7: 250 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों को बड़ी राहत- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी राहत देते हुए लघु और सीमांत उद्योंगों के लिए टैक्स 30 प्रतिशत से कम कर 25 प्रतिशत किया गया है। वहीं 250 करोड़ से कम टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। इस ऐलान के बाद मोदी सरकार की 'स्टार्टअप इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' जैसी योजनाओं को फायदा मिलेगा। इससे पहले 50 करोड़ सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को 25 प्रतिशत टैक्स देना होता था, लेकिन अपनी घोषणा में वित्त मंत्री ने इस दायरे को बढ़ाकर 50 करोड़ से 250 करोड़ रुपये कर दिया है।
8: 50 करोड़ लोगों को हेल्थ बीमा- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दुनिया के सबसे बड़े हेल्थकेयर स्कीम राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान करते हुए इसके तहत अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) की बात कही। वित्त मंत्री जेटली ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोग्राम करार देते हुए कहा कि इससे कम से कम 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इसके तहत देश की 40 प्रतिशत आबादी कवर होगी। इसका अर्थ यह है कि अब गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक के इलाज पर अपने पैसे खर्च नहीं करने होंगे। वहीं, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयुष्मान भारत कार्यक्रम के लिए 1,200 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया। इसके अलावा टीबी के रोगियों को पोषक पदार्थ मुहैया कराने के लिए 600 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की गई।
9: राष्ट्रपति का वेतन बढ़ेगा, सांसदों के लिए भी खुशखबरी- गुरुवार को पेश किए गए बजट में सांसदों के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बड़ा ऐलान करते हुए घोषणा की कि सांसदों के वेतन की समीक्षा के लिए सरकार नया कानून लेकर आएगी। इस कानून के तहत हर 5 साल में सासंदों के वेतन की समीक्षा की जाएगी और उसे जरूरत के हिसाब बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति के लिए 5 लाख, उपराष्ट्रपति के लिए 4 लाख और राज्यपाल के लिए 3 लाख रुपये की सैलरी की बात कही।
10: बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरंसीज गैर-कानूनी- सरकार ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसीज को गैर-कानूनी घोषित कर दिया है। वित्त मंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टोकरंसीज को भारत में मान्यता नहीं दी जाएगी यानि कि ये लीगल टेंडर नहीं हैं। इससे पहले भी सरकार लोगों को बिटकॉइन में पैसा लगाने को लेकर लगातार आगाह कर रही थी। सरकार ने बिटकॉइन की तुलना पोंजी स्कीम्स से करते हुए इसमें निवेशकों के पैसे डूबने की आशंका जताई थी।