नई दिल्ली। रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां चाहती हैं कि आगामी आम बजट ग्रामीण बाजारों पर केंद्रित हो जिससे वेतन-मजदूरी में गिरावट को रोका जा सके। उनका कहना है कि बजट में नीतियां अधिक रोजगार सृजन और व्यक्तिगत आयकर स्लैब में कटौती पर केंद्रित होनी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं की खरीदारी की क्षमता और बढ़ोतरी हो सके। इसके अलावा उद्योग ने भंडारगृह तथा शीत भंडारण श्रृंखला को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया है। साथ ही उद्योग चाहता है कि इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने के प्रयास होने चाहिए।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवके गंभीर ने कहा कि ग्रामीण मजदूरी नीचे आ रही है और अपर्याप्त रोजगार सृजन की वजह से वृद्धि में गतिरोध और खर्च योग्य आय में वृद्धि सुस्त है। उन्होंने बजट को लेकर अपनी अपेक्षा बताते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्रित प्रयास होने चाहिए और किसानों के हाथ में अधिक धन के लिए सब्सिडी बेहतर तरीके से लक्षित होनी चाहिए।
अन्र्स्ट एंड यंग के टैक्स पार्टनर प्रशांत खाटोर ने कहा कि सरकार को ऐसी नीतियां लानी चाहिए जिससे उपभोग बढ़ाया जा सके। व्यक्तिगत आयकर में कमी होनी चाहिए जिससे लोगों के हाथ में अधिक खर्च योग्य आय आ सके।
इसी तरह की राय जताते हुए गंभीर ने कहा कि आयकर स्लैब में कमी से मध्यम वर्ग और वेतनभोगी वर्ग को राहत मिलेगी। वर्ष 2018-19 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।