नयी दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत कर दिया है। पहले इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। राजस्व प्राप्ति कम रहने की वजह से राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा, 'हम 2019-20 के संशोधित अनुमान में राजकोषीय घाटा 3.8 प्रतिशत कर रहे हैं। 2020-21 में इसका बजट अनुमान 3.5 प्रतिशत रखा गया है।'
उन्होंने कहा कि यह अनुमान सरकार की वृहद आर्थिक स्थिरता को लेकर प्रतिबद्धता के अनुरूप है। सरकार ने वित्तीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून के तहत 'बचाव धारा' का इस्तेमाल किया है। इसके तहत किसी दबाव के समय में राजकोषीय घाटे की रूपरेखा में ढील दी जा सकती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि एफआरबीएम कानून की धारा 4 (2) अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों तथा गैर अनुमानित वित्तीय प्रभाव की स्थिति में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से हटने की व्यवस्था देती है। बचाव की यह धारा सरकार को राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 0.5 प्रतिशत अंक तक बढ़ाने की अनुमति देती है।