नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के रिटर्न का सरल स्वरूप अप्रैल 2020 से पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने लोकसभा में अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि जीएसटी ने इंस्पेक्टर राज को खत्म किया है और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मदद पहुंचायी है। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को एक लाख करोड़ रुपये की बचत हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद हर परिवार को मासिक व्यय में चार प्रतिशत की बचत हो रही है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में जीएसटी में दो लाख नये करदाता जुड़े हैं। इसके तहत 40 करोड़ रिटर्न दाखिल किये गये हैं तथा 105 करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए हैं। उन्होंने बजट पेश करने से पहले पूर्व वित्त मंत्री व जीएसटी के ‘शिल्पकार’ अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी।
जीएसटी प्रणाली एक जुलाई 2017 से लागू हुई है। इस बार जनवरी में जीएसटी के तहत 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ। यह लगातार तीसरा महीना है जब जीएसटी से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है।
उन्होंने कहा कि 2014-19 में भारत का एफडीआई बढ़कर 284 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है और केंद्र सरकार का ऋण घटकर मार्च 2019 में जीडीपी के 48.7% पर आ गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 2014-19 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से अधिक रही। इस दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रही।