Monday, November 18, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बजट 2022
  4. Economic Survey 2018: सर्वेक्षण से पता चला कितने हिस्से में अब भी होती है बैलों से खेती

Economic Survey 2018: सर्वेक्षण से पता चला कितने हिस्से में अब भी होती है बैलों से खेती

दुनियाभर में सबसे बड़ा ट्रैक्टर उद्योग भारत का ही है और दुनिया में तैयार होने वाले कुल ट्रैक्टर का करीब एक तिहाई हिस्सा भारत में ही तैयार किया जाता है।

Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: January 29, 2018 16:05 IST
Farming by use of animals- India TV Paisa
Farming by use of animals is 10 percent of total farming in India

नई दिल्ली। सोमवार को संसद में पेश हुई 2017-18 के लिए आर्थिक समीक्षा से कृषि क्षेत्र को लेकर कई अहम आंकड़े सामने आए हैं। आंकड़ों से पता चला है कि धीरे-धीरे देश में खेती के काम पर मशीनों का कब्जा हो चुका है, बहुत कम हिस्से में अब बैलों के जरिए खेती होती। देश में लगातार बढ़ रही शहरी आबादी की वजह से मानव आधारित खेती घटी है और मशीनी खेती में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1960-61 के दौरान देश की खेती का करीब 93 प्रतिशत हिस्सा मानव और बैलों के जरिए होता और सिर्फ 7 प्रतिशत हिस्से पर मशीनों से खेती होती थी। लेकिन 2014-15 के दौरान देश के करीब 90 प्रतिशत हिस्से पर मशीनों के जरिए और सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्से पर बैलों के जरिए खेती दर्ज की गई है।

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक भारत में मशीनों के जरिए खेती में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और यही वजह है कि भारत में ट्रैक्टर उद्योग भी तेजी से बढ़ा है। दुनियाभर में सबसे बड़ा ट्रैक्टर उद्योग भारत का ही है और दुनिया में तैयार होने वाले कुल ट्रैक्टर का करीब एक तिहाई हिस्सा भारत में ही तैयार किया जाता है।

समीक्षा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2050 तक भारत की कुल आबादी का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा शहरी आबादी में तब्दील हो जाएगा और एसे में कृषि क्षेत्र में कम रोजगार रह जाएंगे। 2001 के आंकड़ो के मुताबिक भारत में कुल रोजगार का 58.2 प्रतिशत कृषि क्षेत्र से आया है और 2050 तक यह आंकड़ा 25.7 प्रतिशत तक सिमट जाने की संभावना है।   

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Budget News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement