नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट 2020-21 भाषण में लाभांश वितरण कर (डीडीटी) को समाप्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि लाभांश वितरण कर को अब कंपनियों के स्थान पर व्यक्तियों पर लगाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अब लाभांश पाने वालों को डीडीटी देना होगा।
अपने दूसरे बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि 15 प्रतिशत की रियायती कर दर का फायदा अब बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर निवेश करने वाले सॉवरेन वेल्थ फंड्स को 100 प्रतिशत टैक्स छूट देने पर सरकार विचार कर रही है।
अप्रत्यक्ष कर के विवादित कर मामलों में नई विवाद से विश्वास योजना की घोषणा की गई है। 31 मार्च 2020 तक केवल विवादित कर राशि का ही भुगतान करना होगा, इसके बाद 30 जून 2020 तक कुछ अतिरिक्त राशि देनी पड़ सकती है। एमएसएमई के लिए ऑडिट को लेकर कारोबार सीमा एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि करदाताओं के ‘आधार’ के तहत पुष्टि करने की योजना अमल में लाई जा रही है, रिफंड इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से जारी किया जाएगा। ‘आधार’ के आधार पर तत्काल पैन के ऑनलाइन आबंटन को लेकर जल्दी ही व्यवस्था शुरू की जाएगी, इसके लिए कोई आवेदन फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी। वित्त मंत्री ने 2020 का वित्त विधेयक लोकसभा में पेश किया।