नई दिल्ली। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) प्रोफेसर केवी सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 (Economic Survey 2018-19) बनाया है। बता दें कि मुख्य आर्थिक सलाहकार का प्रमुख काम विदेश व्यापार और औद्योगिक विकास के मुद्दों पर नीतिगत सलाह देना होता है। साथ ही औद्योगिक उत्पादन के रुखों का आकलन और अहम आर्थिक संकेतकों पर सांख्यिकी जानकारी जारी करना है। वह वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। देश के पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार जे.जे. अंजरिया थे, वे वर्ष 1956 से वर्ष 1961 के बीच देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे। आप भी जानिए मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के बारे में।
जानिए कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम के बारे में
- केवी सुब्रमण्यन बैंकिंग, कॉर्पोरेट गवर्नेंस तथा आर्थिक नीति में विश्व के अग्रणी विशेषज्ञों में से एक हैं। कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम भारत के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं।
- केंद्र सरकार ने 07 दिसम्बर 2018 को केवी सुब्रमण्यन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया था, उनका कार्यकाल तीन वर्ष का है। बता दें कि कृष्णमूर्ति ने अरविन्द सुब्रमण्यन की जगह ली थी। दरअसल, अरविन्द सुब्रमण्यन ने 20 जून 2018 को व्यक्तिगत कारणों से मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद से इस्तीफा दिया था। हाल ही में अरविन्द सुब्रमण्यन ने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी निशाना साधा है।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ चुके केवी सुब्रमण्यन ने शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से वित्तीय अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
- केवी सुब्रमण्यन वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, माध्यमिक बाजार और रिसर्च पर बनी सेबी की कमिटी का भी हिस्सा रहे हैं।
- एकेडमिक करियर की शुरुआत से पहले केवी सुब्रमण्यन न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन चेज के साथ कंसल्टेंट के तौर पर काम कर चुके हैं।
- इसके अलावा केवी सुब्रमण्यन सेबी की वैकल्पिक निवेश नीति, प्राथमिक बाजार, द्वितीयक बाजार एवं शोध पर स्थायी समितियों के सदस्य रह चुके हैं।