नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अबतक का सबसे लंबा बजट भाषण दिया। सीतारमण ने संसद में लगभग 2 घंटा 40 मिनट तक बजट भाषण पढ़ा। करीब पौने तीन घंटे लंबे बजट भाषण के आखिर में गला खराब होने की वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आखिरी दो-तीन पृष्ठ नहीं पढ़ पायीं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से उसे पढ़ा मानकर सदन के पटल पर रख दिया।
बता दें कि, बजट भाषण के दौरान बीच में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तबियत थोड़ी बिगड़ती दिखी, जहां केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सदन में उन्हें दवा देते हुए दिखायी दीं, जिसकी वजह से वित्त मंत्री को अपना बजट भाषण बीच में ही रोकना पड़ा।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 2.0 सरकार के पहले बजट में अब तक की सबसे लंबा बजट भाषण दिया। यह भाषण लगभग दो घंटे 17 मिनट तक चला था। अब वित्त मंत्री ने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उनका बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट के समय को पार करके 2 घंटे 40 मिनट तक चला है।
साल 2014 में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की सीमा करीबन 2 घंटे 10 मिनट था तो वहीं पूर्व वित्तमंत्री जसवंत सिंह ने 2003 में करीब 2 घंटे 13 मिनट का बजट भाषण पढ़ा था।
132 बार टैक्स शब्द का किया प्रयोग
2 घंटे 41 मिनट के पूरे भाषण में टैक्स शब्द का इस्तेमाल 132 बार किया गया। किसान शब्द का प्रयोग 12 बार तो वहीं युवा शब्द का प्रयोग 11 बार किया गया। जहां विपक्षी दल हर बार सरकार को रोजगार पर घेरते हुए नजर आती है तो वहीं इस बार बजट में रोजगार शब्द का प्रयोग कुल 7 बार किया गया।
इस भाषण में बैंक शब्द का प्रयोग 23 बार तो 'लोन' शब्द का प्रयोग 6 बार किया गया। बजट 2020 भाषण में महिला शब्द का इस्तेमाल 10 बार किया गया तो वहीं गांव शब्द का जिक्र 1 बार ही किया गया।
ग्रामीण शब्द का जिक्र 4 बार और अर्बन भी 4 बार, शहर शब्द का जिक्र 15 बार तो शहरों शब्द का जिक्र 5 बार किया, प्रधानमंत्री शब्द का जिक्र कुल 15 बार किया है। जॉब शब्द का जिक्र 8 बार तो वहीं एडुकेशन शब्द का जिक्र 19 बार किया गया।
बता दें कि इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने 2003 में दो घंटे 14 मिनट का बजट भाषण दिया था। बता दें कि आम बजट में वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ-साथ, किसान, शिक्षा समेत कई सेक्टरों को बड़ी राहत दी है।