नयी दिल्ली। देश विदेश में सुस्त पड़ते आर्थिक परिदृश्य के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार (1 फरवरी 2020) को आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला 'फील गुड' बजट पेश कर सकती हैं। इस बजट में लोगों के जेब में खर्च के लिये अधिक पैसा बचे इसके लिये आयकर में कटौती, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन और ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं के लिये आवंटन बढ़ाया जा सकता है।
वर्ष 2015-2016 के बाद यह पहला मौका होगा, जब आम बजट शनिवार को पेश किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शनिवार (1 फरवरी 2020) को लगभग 11 बजे संसद में अपना आम बजट 2020-2021 भाषण शुरू करेंगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (Modi 2.0) का यह दूसरा बजट होगा। गौरतलब है कि बजट ऐसे समय पेश किया जा रहा है जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है। इस वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह दर 11 साल में सबसे निचली वृद्धि होगी।
बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सर्कुलर के मुताबिक, आज यानी शनिवार को बजट के दिन घरेलू शेयर बाजार खुला रहेगा और कारोबार होगा। कारोबार का समय सामान्य रूप से सुबह 9:15 बजे से अपराह्न् 3:30 बजे तक रहेगा। एक्सचेंज का प्री-ओपन ट्रेड सुबह नौ बजे से 9:15 बजे के बीच होगा। वैसे आमतौर पर शनिवार को शेयर बाजार बंद रहते हैं।
मौजूदा समय में केंद्र सरकार के लिए आर्थिक हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं और विश्व की कई रेटिंग एजेंसियां भारत की आर्थिक वृद्धि दर को घटा रही हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि आज बजट में वित्त मंत्री के बजट पिटारे से सुस्त अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के क्या प्रयास किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी कमेटी ने 2.50 लाख से 10 लाख रुपए तक की आमदनी पर 10 फीसदी, 10 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की है।
भू-राजनीतिक क्षेत्र में तनाव व्याप्त है और दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध के बाद अब कुछ शांति दिख रही है। ऐसे में घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देना वित्त मंत्री के समक्ष सबस बड़ी चुनौती है। सीतारमण को बजट में 2025 तक देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में पहल करनी होगी। इसके लिये स्पष्ट खाका बजट में पेश किया जा सकता है। आर्थिक समीक्षा में भी उद्योग जगत में विश्वास बढ़ाते हुये कारोबार सुगमता बढ़ाने सहित कई उपाय सुझाये गये हैं। सरकार ने निवेश प्रोत्साहन के लिये पिछले साल सितंबर में कारपोरेट कर दरों में बड़ी कटौती कर दी।
आयकर स्लैब में होगा बदलाव!
कंपनियों के लिये कर में बड़ी कटौती के बाद अब यह कयास लगाया जा रहा है कि व्यक्तिगत आयकर दरों में भी कटौती की जा सकती है। इसमें छूट की न्यूनतम सीमा को ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए किया जा सकता है। व्यक्तिगत आयकर स्लैब में बदलाव के साथ ही ऊंची आय वालों के लिए एक नया स्लैब बजट में रखा जा सकता है। बजट में सबसे ज्यादा नजरें आयकर स्लैब में कमी होने पर टिकी हैं। वेतनभोगी करदाताओं को उम्मीद है कि टैक्स स्लैब और कर दर में कमी कर वित्त मंत्री मीडिल क्लास को राहत दे सकती हैं। पिछले साल ही डायरेक्ट टैक्स कोड पर बनी कमेटी ने सरकार से इस तरह की सिफारिश की थी कि आयकर स्लैब में परिवर्तन किया जाए। इस टास्क फोर्स का खास फोकस मिडिल क्लास पर है। कमेटी ने सिफारिश की थी कि टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 6.25 लाख रुपए किया जाना चाहिए। फिलहाल, पांच लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री है।
एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा, ‘‘पिछले चार महीने के दौरान उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने के लिये सरकार ने कई प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की। लेकिन इसके बावजूद उपभोक्ता विश्वास नहीं बढ़ पाया है। बैंकों से कर्ज लेने वाले ज्यादा लोग नहीं आ रहे हैं। मकान और नई कार खरीदने वाले भी बाजार से दूर हैं। अर्थव्यवस्था में ‘फील गुड’ कारक कहीं गुम हो गया है।’’ सूत्र ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि नया बजट फील गुड वाला होगा। अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ाने के उपाय किये जायेंगे। बजट में निवेश और खर्च बढ़ाने के हर संभव उपाय किये जा सकते हैं।’’ ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिये पीएम किसान योजना के तहत राज्यों को अधिक से अधिक किसानों का योजना के तहत लाने के लिये नये उपाय घोषित किये जा सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, बिजली, सस्ते आवास, रीयल एस्टेट और निर्यात प्रोत्साहन के क्षेत्र में नये प्रोत्साहनों की घोषणा की जा सकती है।