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Budget 2018 : बिना रसीद जमा किए मिलेगा 40,000 रुपए की कटौती का लाभ, आम बजट में किया गया ये प्रस्‍ताव

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट में व्यक्तिगत आय कर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि, उन्होंने नौकरी पेशा और पेंशनभोगियों को 40,000 रुपए के स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन देने की जरूर घोषणा की है।

Edited by: Manish Mishra
Updated on: February 02, 2018 15:56 IST
Standard Deduction- India TV Paisa
Standard Deduction

नई दिल्ली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट में व्यक्तिगत आय कर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि, उन्होंने नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों को 40,000 रुपए के स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन देने की जरूर घोषणा की है। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे आम नौकरी पेशा लोगों को मामूली राहत ही मिलेगी। यह स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन नौकरीपेशा लोगों के कर छूट प्राप्त परिवहन भत्ते और सामान्य चिकित्सा व्यय के एवज में दी गई है। स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन की व्यवस्था निर्धारण वर्ष 2006-07 से बंद कर दी गई थी।

बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, इससे नौकरीपेशा लोगों को सुविधा ही होगी। अभी उन्‍हें 19,200 रुपए सालाना का कर मुक्त परिवहन भत्ता और 15 हजार रुपए का सामान्य चिकित्सा भत्ता दिया जाता है। यह राशि 34200 रुपए बैठती है। लेकिन इसे क्‍लेम करने के लिए उन्‍हें रसीद देनी होती है। यह कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों के लिए एक परेशानी है। अब उन्‍हें 40,000 रुपए का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन मिलेगा और इसके लिए किसी तरह की रसीद जमा करने की जरूरत भी नहीं होगी।

Job

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अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा कि वेतनभोगी करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिये मैं परिवहन भत्ता के संबंध में मौजूदा छूट तथा विविध चिकित्सीय व्यय की प्रतिपूर्ति के बदले 40,000 करोड़ रुपये तक का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन देने का प्रस्ताव करता हूं।

जेटली ने कहा कि स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का लाभ पेंशनभोगियों को भी मिलेगा जिन्हें परिवहन तथा चिकित्सा व्यय के मद में कोई छूट प्राप्त नहीं होती। हालांकि, दिव्‍यांग व्यक्तियों को वर्धित दर पर परिवहन भत्ता देना जारी रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी कर्मचारियों के संबंध में अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कराए गए उपचार आदि पर अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति लाभ भी जारी रहेंगे।

देखिए बजट पर वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के साथ रजत शर्मा बातचीत: इंडिया टीवी संवाद

मानक कटौती लागू होने से सरकार के राजस्व पर 8,000 करोड़ रुपए का असर पड़ेगा। इस निर्णय से लाभान्वित होने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों की कुल संख्या लगभग 2.5 करोड़ है। हालांकि, वित्त मंत्री ने इसके साथ ही तीन प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर चार प्रतिशत स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर भी लगा दिया। इसका मतलब है कि आयकर दाताओं पर कर बोझ एक प्रतिशत बढ़ जाएगा।

Senior Citizen

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वित्त मंत्री ने कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। ढ़ाई लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त रखा गया है। इससे ऊपर पांच लाख रुपए तक की आय पर पांच प्रतिशत, पांच से 10 लाख रुपए की सालाना आय पर 20 प्रतिशत तथा 10 लाख रुपए से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से पूर्ववत कर लगेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपए और 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों के मामले में पांच लाख रुपए तक की आय कर मुक्त है।

इसके अलावा पिछले साल के बजट में लगाए गए 50 लाख रुपए से एक लाख करोड़ रुपए की आय पर 10 प्रतिशत तथा एक करोड़ रुपए से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार भी ज्यों-का-त्यों रखा गया है।

वित्त मंत्री  के अनुसार निर्धारण वर्ष 2016-17 के दौरान 1.89 करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों ने अपनी कर विवरणी जमा कराई और कुल मिलाकर 1.44 लाख करोड़ रुपए का कर भुगतान किया। इस लिहाज से प्रत्येक नौकरीपेशा व्यक्ति ने इस दौरान 76,306 रुपए का आयकर सरकारी खजाने में दिया।

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