नई दिल्ली। सरकार द्वारा आयातित मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने से एप्पल आईफोन और गूगल पिक्सल के दाम तीन से चार प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 2018-19 का बजट पेश करते हुए मोबाइल फोन और कुछ अन्य पुर्जों पर सीमा शुल्क में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की। एप्पल और गूगल से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी। कई चीनी कंपनियां जैसे शाओमी, लेनोवो, ओप्पो, वीवो तथा वनप्लस पहले ही उल्लेखनीय संख्या में अपने उत्पाद भारत में बना रही हैं।
वहीं दूसरी ओर एप्पल आईफोन एसई को छोड़कर अन्य सभी हैंडसेट का आयात करती है। काउंटरप्वॉइंट रिसर्च के सहायक निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि बजट प्रस्ताव से स्थानीय विनिर्माण अभी के 75 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हो जाएगा। इस घोषणा से एप्पल और गूगल जैसी अपने उत्पादों का आयात करने वाली कंपनियों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन (आईसीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने कहा कि सीमा शुल्क में बढ़ोतरी आयात के लिए ताबूत में आखिरी कील है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति में पहुंच रहे हैं, जिसमें आयात लगभग असंभव हो जाएगा। हालांकि, महेंद्रू ने यह भी कहा कि भारत में बिकने वाले ज्यादातर हैंडसेट भारत में बन रहे हैं इसलिए व्यापक रूप से कीमतों पर असर नहीं होगा। एचएमडी ग्लोबल जो भारत में नोकिया फोन बेचती है ने कहा कि शुल्क वृद्धि का असर उस पर न्यूनतम होगा क्योकि नोकिया के मौजूदा पोर्टफोलियो के ज्यादातर फोन भारत में ही बन रहे हैं।
चीनी कंपनी वन प्लस ने कहा कि देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन का 85 प्रतिशत का उत्पादन अब स्थानीय स्तर पर होता है। यह विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए नियमों की अगली श्रृंख्ला पेश करने का एक उपयुक्त समय है। वन प्लस इंडिया के महाप्रंबधक विकास अग्रवाल ने कहा, हम भारतीय बाजार के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और प्रस्तावित नियमों का स्वागत करते हैं। वर्तमान में, सभी वनप्लस स्मार्टफोन स्थानीय स्तर पर तैयार किए जाते हैं।
अग्रणी चीनी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी ने बजट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन बताया जाता है कि उसके द्वारा बेचे जाने वाले 95 प्रतिशत स्मार्टफोनों का विनिर्माण देश में होता है इसलिए सीमा शुल्क बढ़ने से उस पर बहुत थोड़ा असर होगा। घरेलू मोबाइल निर्माता कंपनी माइक्रोमैक्स के सह-संस्थापक राजेश अग्रवाल ने कहा कि विनिर्माण के लिए भारत वैश्विक हब के रूप में उभर रहा है। सरकार की ओर से उठाए गए कदम निश्चित रूप से निर्माताओं के बीच आत्मविश्वास बढ़ाएगा और मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह आगे व्यापार और मानव संसाधन के अवसरों को भी बनाएगा।