नई दिल्ली। सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी आम बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है। कंपनी ने यह भी सलाह दी है कि राज्यों को भी रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITS) के लिए स्टांप ड्यूटी से छूट देने के लिए कहा जाना चाहिए। ऐसा कदम उठाने से REITS को कारोबार बढ़ाने में आसानी होगी।
जेएलएल ने कहा है कि पहली बार अपना मकान खरीदने वालों को दी जाने वाली 50,000 रुपए की अतिरिक्त कर छूट को आगामी बजट में बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। आयकर अधिनियम की धारा 80EE के तहत यह छूट दी जाती है।
जेएलएल इंडिया के सीईओ और भारत प्रमुख रमेश नायर ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस सुविधा को बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। इससे पहली बार घर खरीदने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा। यह कटौती आयकर की धारा 24 के तहत दी जाने वाली दो लाख रुपए की कुल कटौती के अतिरिक्त होगी।
REITS के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने इसमें काफी कुछ सुधार किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि, लाभांश वितरण कर, दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर और इकाइयों के हस्तांतरण जैसे कई कर मुद्दों को सुलझाया गया है लेकिन REITS पर राज्यों के स्तर पर अभी भी स्टांप शुल्क देना पड़ता है।
नायर ने कहा कि राज्यों को इस मामले में समझाया जाना चाहिए कि कम से कम शुरुआती कुछ वर्षेां के लिए REITS पर स्टांप शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।