नयी दिल्ली। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को वर्ष 2021-22 के लिए 5.63 प्रतिशत अधिक यानी 1,31,531 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है और इसका आधा हिस्सा प्रधानमंत्री-किसान योजना पर खर्च किया जाएगा, जबकि कृषि-आधारभूत ढांचा कोष एवं सिंचाई कार्यक्रमों के लिए धनराशि की उपलब्धता में मामूली वृद्धि की गई है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट 2021-22 के अनुसार, कृषि मंत्रालय का चालू वित्तवर्ष 2020-21 के लिए संशोधित बजट 1,24,519 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। मंत्रालय को अगले वित्त वर्ष के लिए किए गए कुल आवंटन में से 1,23,017.57 करोड़ रुपये कृषि और किसान कल्याण विभाग को और 8,513.62 करोड़ रुपये कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग को दिए गए हैं।
बजट दस्तावेज़ के अनुसार, मौजूदा वित्तवर्ष 2021-22 में 10 केंद्रीय योजनाओं के लिए आवंटन को मामूली रूप से बढ़ाकर 1,05,018.81 करोड़ रुपये किया गया है, जो चालू वित्तवर्ष के लिए 1,03,162.30 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से मामूली अधिक है। प्रमुख केंद्रीय योजनाओं में, पीएम-किसान के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा आवंटन किया गया है, जिसके तहत सरकार पंजीकृत किसानों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संवर्धन योजना (पीएम-आशा) के लिए आवंटन को अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये किया गया है जो संशोधित अनुमान के अनुसार वित्तवर्ष 2020-21 के लिए 996 करोड़ रुपये है। इसी तरह 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन के लिए आवंटन को 250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 700 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि कृषि अवसंरचना निधि को 208 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 900 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
दस केंद्रीय योजनाओं के अलावा, सरकार ने विनियामक और स्वायत्त निकायों के लिए भी धन आवंटित किया है। इसके अलावा, सरकार ने 18 केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए धन आवंटित किया है, जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कार्यान्वयन के लिए धन दिया जाता है। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) - ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ के लिए आवंटन को वर्ष 2020-21 के लिए 2,563 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 4,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
अन्य संबंधित मंत्रालयों के लिए सरकार ने मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के लिए आवंटन को चालू वित्तवर्ष के लिए 3,918.31 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 4,820.82 करोड़ रुपये कर दिया है। दस्तावेज में कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के लिए आवंटन को भी मामूली रूप से बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिए 1,308.66 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पहले 1,247.42 करोड़ रुपये था।