नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में ग्रामीण भारत में रोजगार सुनिश्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने भाषण में कहा कि जरूरत पड़ने पर मनरेगा के लिए और धन उपलब्ध कराया जाएगा।
गोयल ने कहा कि गरीबों और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते दाम पर अनाज उपलबध कराने के लिए सरकार ने 2018-19 में 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जबकि 2012-13 में यह खर्च केवल 92,000 करोड़ रुपए था।
अब तक 10 लाख बीमार लोगों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत हो चुका है। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। जन औषधि केंद्रो से सस्ती दरों पर दवाई उपलब्ध कराई जा रही है।