डॉक्टर सतिंदर पाल सिंह बक्शी, बैक्सन ग्रुप के सीएमडी और इस ग्रुप के सर्वेसर्वा हैं। सनी अर्निका शैम्पू से शुरुआत करने के बाद उन्होंने अपना खुद का समूह खड़ा किया है, जिसके अंदर 3 सहायक कंपनीज- बैक्सन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, बैक्सन होम्योपैथिक सेंटर ऑफ एलर्जी और बैक्सन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल आता है। अपने करियर का इतना लंबा सफर इनके लिए आसान नहीं था। इन्होंने अपने जीवन में हर समस्या को पार करके बहुत सी चुनौतियों का सामना किया।
प्रैक्टिस के शुरुआती वर्षों में डॉ. सतिंदर पाल सिंह बक्शी ने महसूस किया कि लोगों को एक होम्योपैथिक शैम्पू की आवश्यकता है, क्योंकि इनके सभी मरीज इस बारे में पूछते थे। जैसे आयुर्वेद में ऑवला होता है, उसी प्रकार होम्योपैथी में अर्निका है। उस समय ऐसे बहुत कम शैम्पू थे जिनमें अर्निका मौजूद हो। और उसी समय डॉ. बक्शी ने एक ऐसा शैम्पू निकालने का सोचा, जिसमें अर्निका हो। 10 वर्षों तक प्रैक्टिस करने के बाद 30 जुलाई 1983 में उन्होंने बैक्सन सनी अर्निका शैम्पू लांच किया। इस उत्पाद के लोकप्रिय होने से उन्हें खासी सफलता मिली, क्योंकि यह अपने आप में एक अनोखा उत्पाद है। इसके बाद डॉ. बक्शी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कुछ समय बाद इन्होंने होम्योपैथिक दवाइयों का उत्पादन भी शुरू किया और बैक्सन पेटेंट की शुरूआत की। बैक्सन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड सभी प्रकार की होम्योपैथिक दवाइयों का उत्पादन कर रहे हैं और भारतीय मूल की अग्रणी कम्पनियों में से एक हैं।
डॉ. बक्शी होम्योपैथिक चिकित्सा में स्वाभाविक रूप से निपुण हैं। अपने 47 वर्ष के करियर में उन्होंने दस लाख से भी अधिक मरीजों का इलाज किया है। बैक्सन की अल्ट्रा मॉडर्न होम्योपैथिक क्लिनिक, जो त्वचा की एलर्जी, पाचन, पेशीय कंकाल और सांस से सम्बन्धित सभी बीमारियों का इलाज करती है। इन क्लीनिकों में डॉ. बक्शी द्वारा प्रशिक्षित डॉक्टर्स इनकी निगरानी में मरीजों का इलाज करते हैं।
मरीजों को वही दवाई देते हैं, जो बैक्सन में बनाई जाती है और अत्याधुनिक तरीके से पैक की जाती है। इससे मरीजों पर दवाई का असर बहुत जल्दी हो जाता है। बैक्सन ग्रुप यह भी समझता है कि स्वास्थ्य एक संतुलन है, जो केवल चिकित्सा के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता। मरीजों को उचित आहार और व्यायाम के साथ स्वस्थ जीवनशैली के लिए प्रेरित किया जाता है और मरीजों को रोगों से लड़ने में मदद करने के लिए परामर्श भी दिया जाता है।
डॉ सतिंदर पाल सिंह बक्शी नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली के पूर्व छात्र हैं और बोर्ड ऑफ होम्योपैथिक सिस्टम ऑफ मैडिसिन से डी.एच.एम.एस. की उपाधी प्राप्त है। वह 2 दशक तक केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह कई संगठनों के सदस्य रहने के साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हैं। अनेक परोपकारी गतिविधियों में संलिप्त रहते हुए अपने खाली समय में होम्योपैथी को कारगर और निरन्तर नये शोध करते रहने के लिए उन्हे जाना जाता है।